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भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर क्यों हैं?

हाल ही में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बावजूद भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। जानें कि इसके पीछे क्या कारण हैं और प्रमुख शहरों में दाम क्या हैं। क्या सरकार टैक्स और वितरण लागत के चलते कीमतों में कटौती नहीं कर रही है? इस लेख में हम इन सभी सवालों का जवाब देंगे।
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भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर क्यों हैं?

कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बावजूद स्थिरता

कच्चा तेल कीमत: भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें क्यों नहीं घट रही?: अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट देखी जा रही है। इसके बावजूद, भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अपरिवर्तित बनी हुई हैं।


17 जून 2025 को भी इनकी कीमतें स्थिर रहीं। यह स्थिति आम जनता के लिए सवाल खड़ा कर रही है। आइए, जानते हैं कि भारत में कीमतें क्यों नहीं घट रही हैं और प्रमुख शहरों में दाम क्या हैं।


अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव


कच्चे तेल की कीमतों में वैश्विक स्तर पर कमी का दौर जारी है। तेल उत्पादक देशों के निर्णय और आपूर्ति में बदलाव इसके प्रमुख कारण हैं।


भारत में हर सुबह 6 बजे पेट्रोल और डीजल की कीमतें अपडेट की जाती हैं। लेकिन सरकार ने इन कीमतों में कोई कटौती नहीं की। विशेषज्ञों का मानना है कि टैक्स और वितरण लागत (Distribution Cost) के कारण भारत में दाम स्थिर रहते हैं। यह आम जनता के लिए चिंता का विषय है।


प्रमुख शहरों में आज के दाम


17 जून 2025 को नई दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 94.72 रुपये और डीजल की कीमत 87.62 रुपये प्रति लीटर रही। वहीं, मुंबई में पेट्रोल की कीमत 104 रुपये से अधिक और डीजल की कीमत 92.15 रुपये दर्ज की गई।


अन्य शहरों में भी कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। आप इंडियन ऑयल की वेबसाइट (Indian Oil Website) या ऐप के माध्यम से ताजा दाम (Fuel Rates) देख सकते हैं। यह सुविधा ऑनलाइन उपलब्ध है। कीमतों की स्थिरता ने उपभोक्ताओं में उत्सुकता बढ़ा दी है।


भारत में कीमतें क्यों स्थिर हैं?


कच्चे तेल की कीमतों में कमी के बावजूद भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें नहीं घट रही हैं। इसका मुख्य कारण केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए टैक्स हैं।


पेट्रोल-डीजल पर वैट और एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty) लागत का एक बड़ा हिस्सा हैं। तेल कंपनियां भी अपने लाभ (Profit Margin) को बनाए रखती हैं। सरकार का कहना है कि स्थिर कीमतें अर्थव्यवस्था (Economy) को संतुलित रखने में मदद करती हैं। लेकिन उपभोक्ता राहत की उम्मीद कर रहे हैं। यह मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है।