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भारत में मध्यम और भारी वाणिज्यिक वाहनों की वृद्धि की उम्मीद

भारत में मध्यम और भारी वाणिज्यिक वाहन (MHCV) उद्योग इस वित्तीय वर्ष में एकल अंकों में वृद्धि की उम्मीद कर रहा है। पिछले वर्षों में हुई मजबूत वृद्धि के बाद, विशेषज्ञों का मानना है कि वृद्धि की दर थोड़ी धीमी हो सकती है, लेकिन स्थिरता बनी रहेगी। ओवरलोडिंग, चालक की कमी और बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं की धीमी गति जैसी चुनौतियाँ इस क्षेत्र को प्रभावित कर सकती हैं। हालांकि, निर्माण और खनन क्षेत्रों में गतिविधि, बढ़ती खपत और सड़क बुनियादी ढांचे में निवेश से मांग बनी रहेगी।
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भारत में मध्यम और भारी वाणिज्यिक वाहनों की वृद्धि की उम्मीद

MHCV उद्योग की भविष्यवाणी

भारत में मध्यम और भारी वाणिज्यिक वाहन (MHCV) क्षेत्र इस वित्तीय वर्ष में एकल अंकों में वृद्धि की उम्मीद कर रहा है। यह अनुमान पिछले कुछ वर्षों में हुई मजबूत वृद्धि के कारण है, जिसने एक 'उच्च आधार' स्थापित किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि वृद्धि की दर अब थोड़ी धीमी हो सकती है, लेकिन स्थिरता बनी रहेगी।


टाटा मोटर्स कमर्शियल व्हीकल्स (TMCV) के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ ने बताया कि पिछले तीन वित्तीय वर्षों में MHCV उद्योग ने क्रमशः 32%, 39% और 11% की वृद्धि दर्ज की है। इस शानदार प्रदर्शन के बाद, अगले वित्तीय वर्ष में एकल अंकों की वृद्धि स्वाभाविक है।


हालांकि, कुछ चुनौतियाँ भी हैं जो इस वृद्धि को प्रभावित कर सकती हैं। ओवरलोडिंग पर सरकार का ध्यान एक प्रमुख चुनौती है, जिससे नए वाहनों की मांग पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा, चालक की कमी और धीमी गति से चल रही बुनियादी ढांचा परियोजनाएँ भी चिंता का विषय हैं।


वहीं, कुछ सकारात्मक कारक भी हैं जो वृद्धि को बढ़ावा देंगे। निर्माण और खनन क्षेत्रों में मजबूत गतिविधि, बढ़ती खपत और सड़क बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निरंतर निवेश से MHCV की मांग बनी रहेगी। लंबी दूरी की ढुलाई भी एक महत्वपूर्ण मांग चालक बना हुआ है।


वित्त वर्ष 2024 में, कुल वाणिज्यिक वाहन (CV) बाजार में 3% की वृद्धि हुई, जिसमें MHCV क्षेत्र ने 11% की वृद्धि के साथ बेहतर प्रदर्शन किया। हालांकि, हल्के वाणिज्यिक वाहन (LCV) और वैन सेगमेंट में क्रमशः 2% और 16% की गिरावट देखी गई।