Newzfatafatlogo

भारत में मोबाइल टैरिफ में संभावित वृद्धि: 2026 में बढ़ सकते हैं खर्च

भारत में मोबाइल उपयोगकर्ताओं के लिए टैरिफ में संभावित वृद्धि की खबरें आ रही हैं। प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां 2026 में अपने प्रीपेड और पोस्टपेड प्लान्स की कीमतें बढ़ाने पर विचार कर रही हैं। रिपोर्टों के अनुसार, यह वृद्धि 16 से 20 प्रतिशत तक हो सकती है, जिसका सीधा असर करोड़ों ग्राहकों पर पड़ेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ती नेटवर्क लागत और 5G इंफ्रास्ट्रक्चर पर भारी निवेश के कारण कंपनियों को टैरिफ बढ़ाने की आवश्यकता महसूस हो रही है। जानें इस वृद्धि के संभावित प्रभाव और एयरटेल, जियो, वोडाफोन आइडिया की स्थिति के बारे में।
 | 
भारत में मोबाइल टैरिफ में संभावित वृद्धि: 2026 में बढ़ सकते हैं खर्च

मोबाइल यूजर्स के लिए बढ़ते खर्च का संकेत

भारत में मोबाइल उपयोगकर्ताओं को आने वाले समय में अधिक खर्च का सामना करना पड़ सकता है। प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां जैसे रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया 2026 में अपने प्रीपेड और पोस्टपेड योजनाओं की कीमतों में वृद्धि करने पर विचार कर रही हैं। रिपोर्टों के अनुसार, यह वृद्धि लगभग 16 से 20 प्रतिशत तक हो सकती है, जिसका सीधा प्रभाव करोड़ों ग्राहकों पर पड़ेगा।


2026 में मोबाइल टैरिफ में वृद्धि के कारण

टेलीकॉम क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों के रुझान को देखते हुए, कंपनियां हर दो साल में अपने प्लान की कीमतों में संशोधन करती रही हैं। जुलाई 2024 में आखिरी बार रिचार्ज प्लान महंगे हुए थे। इसी पैटर्न के आधार पर, विशेषज्ञों का मानना है कि अगली महत्वपूर्ण वृद्धि 2026 में हो सकती है।


विशेषज्ञों का कहना है कि नेटवर्क लागत में वृद्धि, 5G इंफ्रास्ट्रक्चर पर भारी निवेश और स्पेक्ट्रम खर्च की भरपाई के लिए कंपनियों को टैरिफ बढ़ाने की आवश्यकता महसूस हो रही है।


Morgan Stanley की रिपोर्ट के संकेत

ब्रोकरेज फर्म Morgan Stanley की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि 2026 में 4G और 5G दोनों प्रकार के प्लान महंगे हो सकते हैं। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि टैरिफ में 16 से 20 प्रतिशत की वृद्धि से कंपनियों की प्रति उपयोगकर्ता औसत आय में सुधार होगा।


विश्लेषकों का मानना है कि भारत में डेटा की खपत तेजी से बढ़ रही है, लेकिन टैरिफ अभी भी कई वैश्विक बाजारों की तुलना में कम हैं। यही कारण है कि कंपनियों के पास दाम बढ़ाने की गुंजाइश बनी हुई है।


5G उपयोगकर्ताओं पर प्रभाव

वर्तमान में 5G सेवाएं मुख्य रूप से उन योजनाओं के साथ उपलब्ध हैं जिनमें रोजाना 2GB या उससे अधिक डेटा मिलता है। इसके अलावा, OTT सब्सक्रिप्शन जैसे लाभ भी महंगे प्लान्स के साथ जोड़े जा रहे हैं।


आने वाली टैरिफ वृद्धि में 5G का उपयोग और महंगा हो सकता है। तकनीकी विशेषज्ञों का कहना है कि जैसे-जैसे 5G नेटवर्क का विस्तार होगा, कंपनियां प्रीमियम अनुभव के नाम पर अधिक कीमत वसूल सकती हैं।


एयरटेल को सबसे अधिक लाभ

Morgan Stanley की रिपोर्ट में एयरटेल को सबसे मजबूत स्थिति में बताया गया है। वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही के अंत तक एयरटेल का औसत प्रति उपयोगकर्ता आय लगभग 256 रुपये रहने का अनुमान है। यदि 2026 में टैरिफ बढ़ते हैं, तो यह आंकड़ा आसानी से 300 रुपये तक पहुंच सकता है।


विशेषज्ञों के अनुसार, मजबूत ग्राहक आधार और उच्च मूल्य वाले उपयोगकर्ताओं के कारण एयरटेल को कम नुकसान और अधिक लाभ हो सकता है।


अगले पांच वर्षों में ARPU का अनुमान

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यदि 2026 के बाद कोई अतिरिक्त टैरिफ वृद्धि नहीं होती है, तब भी अगले पांच वर्षों में एयरटेल का औसत प्रति उपयोगकर्ता आय 400 रुपये तक जा सकता है। यदि भविष्य में फिर से दाम बढ़ते हैं, तो यह आंकड़ा इससे भी अधिक हो सकता है।


जियो और एयरटेल पर सीमित प्रभाव, वोडाफोन आइडिया को चुनौती

पिछले अनुभव बताते हैं कि हर टैरिफ वृद्धि के बाद कुछ समय के लिए सिम कंसोलिडेशन होता है, यानी उपयोगकर्ता अतिरिक्त सिम बंद कर देते हैं। हालांकि, आमतौर पर 2 से 3 तिमाही में स्थिति फिर सामान्य हो जाती है।


जियो और एयरटेल ने अब तक अपने ग्राहकों को बनाए रखने में सफलता हासिल की है, जबकि वोडाफोन आइडिया को लगातार सब्सक्राइबर लॉस का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उसके लिए आगे की राह चुनौतीपूर्ण बनी हुई है।


टेलीकॉम क्षेत्र और उपयोगकर्ताओं पर प्रभाव

लगभग 20 प्रतिशत तक की संभावित टैरिफ वृद्धि से टेलीकॉम कंपनियों की कुल आय और मुनाफे में वृद्धि होने की उम्मीद है। इसी कारण निवेशक और बाजार विशेषज्ञ इसे क्षेत्र के लिए सकारात्मक मान रहे हैं।


दूसरी ओर, सामान्य मोबाइल उपयोगकर्ताओं के लिए कॉलिंग और डेटा का मासिक खर्च बढ़ सकता है। विशेष रूप से 5G उपयोग करने वाले ग्राहकों को अपने मोबाइल बजट में वृद्धि के लिए तैयार रहना पड़ सकता है।