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भारत में विदेशी निवेश के लिए अनुकूल माहौल तैयार

भारत में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। 2025 में, वैश्विक टैरिफ के बावजूद, भारत ने एफडीआई में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है। उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने प्रक्रियाओं को सरल बनाने और निवेशकों के लिए अनुकूल नीतियों पर जोर दिया है। जानें कैसे ये प्रयास भारत को विदेशी निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य बना रहे हैं।
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भारत में विदेशी निवेश के लिए अनुकूल माहौल तैयार

सरकार के प्रयासों का प्रभाव


सरकार द्वारा किए गए समझौतों का दिखेगा असर, भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर रह सकता है अगला वर्ष


वर्ष 2025 में, विश्व के प्रमुख देशों ने टैरिफ के प्रभाव में समय बिताया। इस दौरान, अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत तक उच्च टैरिफ लगाया, जिसका असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर नहीं पड़ा। सरकार ने जीएसटी दरों में बदलाव कर घरेलू बाजार को राहत दी और कई व्यापार समझौतों को तेजी से पूरा किया।


भारत में विदेशी निवेश का बढ़ता आकर्षण

बड़े निवेशों की घोषणाओं और व्यापार में आसानी के प्रयासों के चलते, अगले वर्ष भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में वृद्धि की उम्मीद है। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने इस वर्ष एफडीआई को बढ़ावा देने के लिए कई बैठकें की हैं।


वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने प्रक्रियाओं को सरल और कुशल बनाने पर चर्चा की। निवेशक अनुकूल नीतियों और नियामक प्रक्रियाओं में सुधार किया गया है।


2024-25 में एफडीआई की स्थिति

2024-25 में, वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद, कुल एफडीआई 80.5 अरब डॉलर से अधिक रहा। जनवरी से अक्टूबर 2025 के बीच यह आंकड़ा 60 अरब डॉलर से अधिक हो गया है। भारत ने पिछले 11 वर्षों में उल्लेखनीय निवेश आकर्षित किया है।


भारत चार देशों के यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ के साथ अपने मुक्त व्यापार समझौते पर भी भरोसा कर रहा है, जिसके तहत इस समूह ने 15 वर्षों में 100 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है।