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भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए बड़ा निवेश, 25,000 नौकरियों का होगा सृजन

भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर निर्माण में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए ₹4,594 करोड़ का निवेश करने का निर्णय लिया है। ओडिशा, पंजाब और आंध्र प्रदेश में चार प्रमुख परियोजनाओं के तहत 25,000 नौकरियों का सृजन होगा। यह कदम भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
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भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए बड़ा निवेश, 25,000 नौकरियों का होगा सृजन

भारत सरकार का सेमीकंडक्टर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का प्रयास

भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर निर्माण में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ओडिशा, पंजाब और आंध्र प्रदेश में चार प्रमुख सेमीकंडक्टर परियोजनाओं के लिए ₹4,594 करोड़ की वित्तीय सहायता को मंजूरी दी है। यह निर्णय 'सेमीकॉन इंडिया प्रोग्राम' के अंतर्गत लिया गया है, जिसका उद्देश्य देश में सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना और 'मेक इन इंडिया' पहल को आगे बढ़ाना है।


इन चार परियोजनाओं में कुल ₹48,332 करोड़ का निवेश किया जाएगा। सबसे बड़ी परियोजना ओडिशा में सांबलपुर में स्थापित की जाएगी, जिसमें दो वेफर फैब्रिकेशन यूनिट्स लगाई जाएंगी। इसके लिए ₹26,282 करोड़ का निवेश किया जाएगा, जिससे 3,000 प्रत्यक्ष और 15,000 अप्रत्यक्ष नौकरियां उत्पन्न होंगी।


इसके अतिरिक्त, पंजाब के मोहाली में एक 'आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट' (OSAT) सुविधा स्थापित की जाएगी, जिसमें ₹14,000 करोड़ का निवेश होगा और 2,500 प्रत्यक्ष व 7,500 अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होंगी। आंध्र प्रदेश के अच्युतापुरम, विशाखापत्तनम में भी एक OSAT इकाई स्थापित की जाएगी, जिसके लिए ₹8,050 करोड़ का निवेश किया जाएगा और 2,000 प्रत्यक्ष व 6,000 अप्रत्यक्ष नौकरियां सृजित होंगी।


यह निर्णय भारत की सेमीकंडक्टर महत्वाकांक्षाओं को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इन परियोजनाओं से देश की आयात पर निर्भरता कम होगी, तकनीकी नवाचार को बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे। कैबिनेट का यह निर्णय भारत को उच्च-तकनीकी विनिर्माण में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।