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भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर में सुधार के संकेत

भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत मिल रहे हैं, जिसमें घरेलू मांग और सरकारी नीतियों का महत्वपूर्ण योगदान है। एनएसओ 28 नवंबर को दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े जारी करेगा, जिसमें वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है कि कम ब्याज दरें और अन्य सकारात्मक कारक विकास को गति देंगे। जानें और क्या कदम उठाए जा रहे हैं अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए।
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भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर में सुधार के संकेत

दूसरी तिमाही की वृद्धि दर का आंकड़ा


एनएसओ 28 नवंबर को जारी करेगा दूसरी तिमाही की वृद्धि दर, इंडिया रेटिंग एंड रिसर्च ने कहा 7.2 की दर से होगी वृद्धि


हाल के वैश्विक आर्थिक हालात और अमेरिकी टैरिफ के बावजूद, भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी से वृद्धि हो रही है। यह अन्य विकासशील देशों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि देश में मजबूत घरेलू मांग के कारण अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर स्थिर बनी हुई है। अप्रैल से जून के बीच वास्तविक जीडीपी की वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रही, जबकि 2024-25 की दूसरी तिमाही में यह 5.6 प्रतिशत रही।


आंकड़े नवंबर अंत में जारी होंगे

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) 28 नवंबर को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के जीडीपी वृद्धि के आंकड़े जारी करेगा। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में निजी खपत में सालाना आधार पर 8 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है। पहले की तिमाही में यह 7 प्रतिशत और दूसरी तिमाही में 6.4 प्रतिशत बढ़ी थी।


भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत

एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत मिल रहे हैं। घरेलू विकास चक्र अब अपने निचले स्तर से ऊपर उठने लगा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कम ब्याज दरें, पर्याप्त तरलता, कच्चे तेल की गिरती कीमतें और सामान्य मानसून जैसे कारक विकास को गति दे सकते हैं। हालांकि, वैश्विक व्यापार की अनिश्चितता निजी निवेश के लिए चुनौती बनी हुई है, लेकिन मध्यम अवधि में भारत का निवेश चक्र मजबूत रहने की संभावना है।


केंद्र सरकार का बड़ा कदम

केंद्र सरकार ने इस वित्त वर्ष से शुरू होने वाले छह वर्षों के लिए 25,060 करोड़ रुपए के निर्यात संवर्धन मिशन को मंजूरी दी है। सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी जानकारी दी। इस मिशन के तहत एमएसएमई निर्यातकों को ब्याज अनुदान प्रदान किया जाएगा।


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