भारतीय रिजर्व बैंक को महंगाई में कमी से ब्याज दरों में कटौती का मौका

महंगाई दर में कमी की संभावना
नई दिल्ली - आगामी समय में खुदरा महंगाई दर में गिरावट देखने को मिल सकती है, जिससे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को रेपो रेट में 50 आधार अंकों तक की कटौती करने का अवसर मिल सकता है। यह जानकारी सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में सामने आई है।
रिपोर्ट में कहा गया है, "खाद्य उत्पादों की घटती कीमतें, जीएसटी दरों में कमी और इनपुट लागत में कमी के चलते महंगाई दर का ट्रेंड नरम रहने की संभावना है। हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025-26 में हेडलाइन महंगाई दर औसतन 2.4 प्रतिशत सालाना रहेगी, जिससे आरबीआई अक्टूबर और दिसंबर में प्रत्येक में 25 आधार अंकों (0.25 प्रतिशत) की कटौती कर सकेगा।" रिपोर्ट के अनुसार, पिछले सात महीनों से खुदरा महंगाई दर आरबीआई के 4 प्रतिशत के लक्ष्य से नीचे बनी हुई है, जिसका एक कारण खाद्य कीमतों में गिरावट भी है। हालांकि, मुख्य महंगाई दर 4.2 प्रतिशत के दायरे में बनी हुई है, जबकि पिछले 22 महीनों से यह 3.1 प्रतिशत पर और 4 प्रतिशत से नीचे है, जो महंगाई में नरमी का संकेत है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि कम महंगाई दर का यह ट्रेंड कई कारकों के संयोजन से प्रेरित है, जिनमें खाद्य कीमतों में लगातार कमी और बेहतर फसल उत्पादन से उत्पन्न सकारात्मक दृष्टिकोण शामिल हैं। जीएसटी को युक्तिसंगत बनाने से समग्र मूल्य स्तरों में गिरावट का रुझान रहने की उम्मीद है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि हेडलाइन महंगाई दर वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही में औसतन 2.6 प्रतिशत रह सकती है, जबकि पूरे वित्त वर्ष में यह 2.4 प्रतिशत रहने की संभावना है। जीएसटी सुधारों के कारण चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में घरेलू मांग में वृद्धि देखने को मिल सकती है। हालांकि, टैरिफ के कारण विदेशी मांग पर असर पड़ सकता है।