भारतीय रेलवे ने बिना टिकट यात्रा से 1,781 करोड़ रुपये की वसूली की
भारतीय रेलवे की नई तकनीक से बढ़ी वसूली
नई दिल्ली: भारतीय रेलवे की आय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा टिकटों की बिक्री से आता है, लेकिन बिना टिकट यात्रा हमेशा एक चुनौती बनी रही है। अब रेलवे ने इस समस्या का समाधान तकनीक के माध्यम से किया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में रेलवे ने बिना टिकट, गलत टिकट और अतिरिक्त सामान के मामलों में रिकॉर्ड वसूली की है, जो यह दर्शाता है कि नियमों को सख्ती से लागू किया जा रहा है।
बिना टिकट यात्रा पर जुर्माना
रेलवे एक्ट 1989 के अनुसार, बिना टिकट या गलत टिकट पर यात्रा करना एक अपराध है। ऐसे मामलों में यात्रियों को निर्धारित किराए के साथ कम से कम 250 रुपये का जुर्माना देना होता है। उदाहरण के लिए, पटना से बक्सर तक बिना टिकट पकड़े जाने पर 100 रुपये किराया और 250 रुपये जुर्माना देना पड़ता है।
बिना टिकट यात्रा के कारण
रेल मंत्री ने बताया कि सीटों की मांग और उपलब्धता में असंतुलन बिना टिकट यात्रा का मुख्य कारण है। त्योहारों और छुट्टियों के दौरान ट्रेनों में भीड़ बढ़ जाती है। इसे ध्यान में रखते हुए रेलवे अतिरिक्त ट्रेनें और कोच जोड़कर दबाव कम करने का प्रयास कर रहा है।
विशेष ट्रेनें और नए कोच
यात्रियों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए 2025-26 में नवंबर तक लगभग 60,000 विशेष ट्रेनों का संचालन किया गया। इसके साथ ही 700 से अधिक कोच स्थायी रूप से जोड़े गए। इस दौरान 28 वंदे भारत और 26 अमृत भारत एक्सप्रेस भी शुरू की गईं।
HHT डिवाइस से टिकट चेकिंग में सुधार
रेलवे ने 30,000 से अधिक हैंड-हेल्ड टर्मिनल प्रदान किए हैं। ये टैबलेट जैसे उपकरण डिजिटल रिजर्वेशन चार्ट को डाउनलोड कर तुरंत टिकट जांचने की सुविधा देते हैं। इससे पेनाल्टी वसूली में आसानी हुई है और प्रक्रिया अधिक पारदर्शी बन गई है।
पिछले वर्षों की वसूली का रिकॉर्ड
रेलवे ईयर बुक के अनुसार, FY24 में 5.39 लाख जांच अभियानों में 361 लाख मामले पकड़े गए और 2,232 करोड़ रुपये की वसूली की गई। FY23 में यह आंकड़ा 2,260 करोड़ और FY22 में 1,575 करोड़ रुपये रहा, जो लगातार सख्ती को दर्शाता है।
