भारतीय रेलवे ने वाराणसी में सोलर पैनल से बिजली उत्पादन की शुरुआत की

सौर ऊर्जा का नया अध्याय
वाराणसी: भारतीय रेलवे ने ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए एक नया इतिहास रच दिया है। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में पहली बार रेलवे पटरियों के बीच सोलर पैनल स्थापित कर बिजली उत्पादन की प्रक्रिया शुरू की गई है। यह अनोखी पहल बनारस लोकोमोटिव वर्क्स (BLW) के परिसर में की गई है, जहां ट्रैक पर लगाए गए सोलर पैनल सफलतापूर्वक चालू कर दिए गए हैं।
रेलवे के अनुसार, इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत बीएलडब्ल्यू कैंपस में 70 मीटर लंबे ट्रैक पर कुल 28 सोलर पैनल लगाए गए हैं। इन पैनलों की कुल क्षमता 15 किलोवॉट-पीक (KWp) है, जिससे प्रतिदिन लगभग 67 यूनिट बिजली का उत्पादन होने की उम्मीद है। इस सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 15 अगस्त को किया गया।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि इन सोलर पैनलों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ये रेल यातायात पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं डालेंगे। ट्रेनों के गुजरने के दौरान होने वाले कंपन को नियंत्रित करने के लिए पटरियों पर रबर माउंटिंग पैड लगाए गए हैं। इसके अलावा, पैनलों को स्टेनलेस स्टील के बोल्ट से सुरक्षित किया गया है, जिन्हें ट्रैक के रखरखाव के दौरान आसानी से खोला और हटाया जा सकता है।
यह सफल प्रयोग रेलवे के लिए ऊर्जा उत्पादन का एक नया मार्ग खोल सकता है। अधिकारियों के अनुसार, भविष्य में इस तकनीक का विस्तार देश के अन्य रेलवे यार्डों और स्थिर पटरियों पर किया जा सकता है। यह कदम भारतीय रेलवे के 'नेट जीरो कार्बन एमिशन' के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।