भारतीय शेयर बाजार में उत्साह की वापसी, सेंसेक्स और निफ्टी में तेजी

शेयर बाजार में तेजी का संकेत
सेंसेक्स में 226.86 अंक की वृद्धि, निफ्टी में 57.95 अंक की तेजी
शेयर बाजार अपडेट: भारतीय शेयर बाजार में पिछले आठ कारोबारी दिनों की गिरावट के बाद अब फिर से उत्साह देखने को मिल रहा है। इसी कारण, बुधवार को बड़ी तेजी के बाद शुक्रवार को भी बाजार हरे निशान पर बंद हुआ। उल्लेखनीय है कि गुरुवार को गांधी जयंती और दशहरा के कारण बाजार बंद रहा।
विशेषज्ञों का मानना है कि धातु शेयरों में खरीदारी और वैश्विक बाजारों में तेजी के चलते शुक्रवार को सेंसेक्स और निफ्टी ने लगातार दूसरे दिन बढ़त हासिल की। बीएसई सेंसेक्स 226.86 अंक या 0.28 प्रतिशत बढ़कर 81,207.17 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, सूचकांक ने 602.42 अंकों के उतार-चढ़ाव के साथ 81,251.99 के उच्चतम और 80,649.57 के निम्नतम स्तर को छुआ। वहीं, एनएसई निफ्टी 57.95 अंक या 0.23 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,894.25 पर पहुंच गया।
टाटा स्टील के शेयरों में सबसे अधिक तेजी
सेंसेक्स की कंपनियों में टाटा स्टील के शेयरों में 3.40 प्रतिशत की सबसे अधिक वृद्धि हुई। इसके बाद पावर ग्रिड, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, लार्सन एंड टुब्रो, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और भारती एयरटेल का स्थान रहा। दूसरी ओर, टेक महिंद्रा, मारुति, अल्ट्राटेक सीमेंट और बजाज फिनसर्व प्रमुख रूप से पिछड़ने वालों में शामिल रहे।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार घटा
हालांकि भारतीय शेयर बाजार के लिए पिछले सप्ताह नकारात्मक रहा, वहीं आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार दूसरे सप्ताह कमी आई है। विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय बाजार से पूंजी निकालने के कारण यह कमी आई है। 26 सितंबर को समाप्त सप्ताह में, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.334 अरब डॉलर घटकर 700.236 अरब डॉलर रह गया। पिछले सप्ताह, 19 सितंबर को समाप्त सप्ताह में, यह 39.6 करोड़ डॉलर घटकर 702.57 अरब डॉलर था।
सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट
दिल्ली में शुक्रवार को सोने की कीमत 500 रुपये की गिरावट के साथ 1,20,600 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई। 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना भी अपने उच्चतम स्तर से 500 रुपये गिरकर 1,20,000 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) पर आ गया। चांदी की कीमतें भी 500 रुपये घटकर 1,50,000 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) रह गईं। निवेशकों द्वारा मुनाफा वसूली और अमेरिकी डॉलर में मामूली सुधार से बाजार की धारणा प्रभावित हुई।