भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला जारी, चौथे दिन भी लाल निशान पर बंद
गिरावट का सिलसिला जारी
सोमवार से शुरू हुई गिरावट का सिलसिला अब भी जारी है, और भारतीय शेयर बाजार लगातार लाल निशान पर बंद हो रहा है। गुरुवार को चौथे दिन भी बाजार में गिरावट आई, जिससे निवेशकों में चिंता बढ़ गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी, विदेशी निवेशकों द्वारा पूंजी निकासी और भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता इस गिरावट के प्रमुख कारण हैं।
गुरुवार का बाजार प्रदर्शन
बीएसई सेंसेक्स, जिसमें 30 शेयर शामिल हैं, 77.84 अंक या 0.09 प्रतिशत गिरकर 84,481.81 अंक पर बंद हुआ। दिनभर में इसमें 541.76 अंकों का उतार-चढ़ाव देखा गया, जो 84,780.19 और 84,238.43 के बीच रहा। इसी तरह, एनएसई निफ्टी 3.00 अंक या 0.01 प्रतिशत गिरकर 25,815.55 अंक पर बंद हुआ। इस दौरान, रुपये की स्थिति अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 12 पैसे बढ़कर 90.26 पर बंद हुई। सेंसेक्स में सन फार्मा, टाटा स्टील, पावर ग्रिड, एशियन पेंट्स, एनटीपीसी और भारती एयरटेल जैसी कंपनियां सबसे अधिक प्रभावित रहीं।
वैश्विक बाजारों का प्रभाव
एशियाई बाजारों में, दक्षिण कोरिया का कोस्पी और जापान का निक्केई 225 सूचकांक गिरावट के साथ बंद हुए, जबकि शंघाई का एसएसई कंपोजिट सूचकांक और हांगकांग का हैंग सेंग सूचकांक सकारात्मक दायरे में समाप्त हुए। यूरोपीय शेयर बाजार में बढ़त देखने को मिली, जबकि अमेरिकी बाजार बुधवार को गिरावट के साथ बंद हुए।
भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर
वर्तमान में, वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता का सामना किया जा रहा है, और भारत भी इससे अछूता नहीं है। भारत अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ का सामना कर रहा है, और रुपये की स्थिति भी कमजोर हो रही है। हालांकि, भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर अभी भी मजबूत बनी हुई है।
अनुमान है कि देश की जीडीपी लगभग सात प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। आईएमएफ की पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि भारत की वृद्धि दर का आकलन राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के जुलाई-सितंबर तिमाही के आंकड़ों से पहले किया गया था, जिसमें विकास दर 8.2 प्रतिशत रही। इसके बाद, भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया है।
