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भारतीय शेयर बाजार में तेजी का अंत, सोने की कीमतों में वृद्धि

शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में गिरावट आई, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी दोनों लाल निशान पर बंद हुए। मुनाफावसूली के कारण बाजार में दबाव देखा गया, खासकर एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों में। वहीं, सोने की कीमतों में वृद्धि हुई, जो भू-राजनीतिक तनाव और व्यापारिक तनाव के कारण हो सकती है। जानें इस स्थिति के पीछे के कारण और बाजार की वर्तमान स्थिति के बारे में अधिक जानकारी।
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भारतीय शेयर बाजार में तेजी का अंत, सोने की कीमतों में वृद्धि

शेयर बाजार में गिरावट का सामना


सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिन सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट


भारतीय शेयर बाजार में पिछले कुछ दिनों से चल रही तेजी शुक्रवार को थम गई। इस दिन बाजार में दबाव देखने को मिला, जिसके परिणामस्वरूप बीएसई सेंसेक्स 387.73 अंक या 0.47 प्रतिशत की गिरावट के साथ 82,626.23 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 528.04 अंक या 0.63 प्रतिशत गिरकर 82,485.92 अंक तक पहुंच गया। इसी तरह, एनएसई निफ्टी भी 96.55 अंक या 0.38 प्रतिशत गिरकर 25,327.05 अंक पर बंद हुआ। विशेषज्ञों का मानना है कि मुनाफावसूली ने बाजार की तेजी को प्रभावित किया, खासकर एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक जैसे बड़े शेयरों में।


गिरावट का सामना करने वाली कंपनियाँ

सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में एचसीएल टेक, आईसीआईसीआई बैंक, टाइटन, ट्रेंट, कोटक महिंद्रा बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, महिंद्रा एंड महिंद्रा और एचडीएफसी बैंक प्रमुख रूप से पीछे रहे।


सोने की कीमतों में वृद्धि

भारतीय सर्राफा बाजार में दो दिन की मुनाफावसूली के बाद सोने की कीमतों में गिरावट आई थी, लेकिन शुक्रवार को सोने ने फिर से बढ़त दिखाई। दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 800 रुपए प्रति दस ग्राम बढ़कर 1,14,000 रुपए हो गई। 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत भी 700 रुपए बढ़कर 1,13,500 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई। चांदी की कीमतों में भी लगातार दूसरे दिन वृद्धि हुई, जो 500 रुपए बढ़कर 1,32,000 रुपए प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) हो गई।


सोने की कीमतों में वृद्धि के कारण

सर्राफा बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की कीमतों में वृद्धि का कारण भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिका-चीन व्यापार तनाव में वृद्धि हो सकता है। इसके अलावा, सप्ताह के अंतिम कारोबारी सत्र में सोने का भाव सकारात्मक रहा, जिससे कीमती धातुओं के प्रति रुझान बढ़ा। इस साल एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स में मजबूत निवेश और केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीदारी भी इस तेजी का कारण है।