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भारतीय शेयर बाजार में नई चुनौतियाँ: अमेरिका की टैरिफ दरों का प्रभाव

भारतीय शेयर बाजार ने हाल ही में कुछ सकारात्मक संकेत दिखाए हैं, लेकिन अमेरिका द्वारा लागू की जा रही नई टैरिफ दरें चिंता का विषय बन गई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इन दरों का प्रभाव भारतीय कंपनियों के व्यापार पर पड़ेगा, जिससे अर्थव्यवस्था की विकास दर में कमी आ सकती है। जानें इस विषय पर और क्या जानकारी है और आने वाले दिनों में बाजार की स्थिति कैसी रह सकती है।
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भारतीय शेयर बाजार में नई चुनौतियाँ: अमेरिका की टैरिफ दरों का प्रभाव

अमेरिका की नई टैरिफ दरों का असर


Share Market Update: पिछले तीन हफ्तों से निराशाजनक प्रदर्शन के बाद, भारतीय शेयर बाजार ने मंगलवार और बुधवार को कुछ सकारात्मक संकेत दिखाए। मंगलवार को सेंसेक्स में लगभग 450 अंकों की वृद्धि हुई, जबकि बुधवार को भी इसमें तेजी देखी गई, हालांकि यह मंगलवार की तुलना में कम थी। आने वाले दिनों में भारतीय शेयर बाजार के लिए स्थिति चुनौतीपूर्ण हो सकती है, जिसका मुख्य कारण अमेरिका द्वारा एक अगस्त से लागू की जा रही नई टैरिफ दरें हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार में अनिश्चितता बनी रहेगी।


सेंसेक्स में बुधवार को 144 अंकों की वृद्धि

बुधवार को बीएसई सेंसेक्स में 144 अंकों की बढ़त देखी गई। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 143.91 अंक या 0.18 प्रतिशत बढ़कर 81,481.86 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, सूचकांक सीमित दायरे में रहा और 281.01 अंक या 0.34 प्रतिशत बढ़कर 81,618.96 के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। वहीं, निफ्टी 33.95 अंक या 0.14 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 24,855.05 पर बंद हुआ। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 52 पैसे गिरकर 87.43 (अनंतिम) पर बंद हुआ।


यूरोपीय बाजारों में मिला-जुला रुख

एशियाई बाजारों में, जापान का निक्केई 225 और हांगकांग का हैंग सेंग गिरावट के साथ बंद हुए, जबकि दक्षिण कोरिया का कोस्पी और शंघाई का एसएसई कंपोजिट सकारात्मक दायरे में बंद हुए। यूरोपीय बाजारों में भी मिला-जुला रुख देखने को मिला। मंगलवार को अमेरिकी बाजार गिरावट के साथ बंद हुए।


नई टैरिफ दरें कल से लागू होंगी

अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा भारत के खिलाफ घोषित की गई नई टैरिफ दरें एक अगस्त से लागू होंगी। इन दरों के लागू होने से भारतीय कंपनियों के लिए अमेरिका में व्यापार करना कठिन हो जाएगा, जिससे भारतीय उद्योग में चिंता का माहौल है। यदि अमेरिका नई टैरिफ दरें लंबे समय तक बनाए रखता है, तो इसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और विकास दर में कमी आ सकती है।