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भारतीय शेयर बाजार में वैश्विक तेजी का असर, सेंसेक्स और निफ्टी में उछाल

भारतीय शेयर बाजार में वैश्विक तेजी का असर देखने को मिला है, जहां सेंसेक्स और निफ्टी ने सकारात्मक प्रदर्शन किया। एशियाई और यूरोपीय बाजारों में बढ़त के साथ, भारतीय बाजार भी उभरा है। जानें सोने और चांदी की कीमतों में क्या बदलाव आया है और निवेशकों के लिए क्या संकेत हैं।
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भारतीय शेयर बाजार में वैश्विक तेजी का असर, सेंसेक्स और निफ्टी में उछाल

सेंसेक्स और निफ्टी का सकारात्मक प्रदर्शन


भारतीय शेयर बाजार में तेजी का दौर जारी


एशियाई और यूरोपीय बाजारों में सकारात्मक रुख और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं के चलते भारतीय शेयर बाजार में तेजी बनी हुई है। इस दौरान एशिया और यूरोप के प्रमुख बाजार भी बढ़त के साथ बंद हुए।


दक्षिण कोरिया का कोस्पी, जापान का निक्केई 225 और शंघाई का एसएसई कंपोजिट सूचकांक सभी बढ़त के साथ बंद हुए। यूरोप के बाजार भी सकारात्मक रुख के साथ कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और विदेशी पूंजी प्रवाह के चलते वैश्विक बाजारों में तेजी देखी गई।


भारतीय शेयर बाजार का प्रदर्शन

भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक, सेंसेक्स और निफ्टी, बुधवार को सकारात्मक दायरे में बंद हुए। बीएसई सेंसेक्स 368.97 अंक या 0.44 प्रतिशत की बढ़त के साथ 84,997.13 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 477.67 अंक या 0.56 प्रतिशत बढ़कर 85,105.83 अंक तक पहुंच गया।


एनएसई निफ्टी भी 117.70 अंक या 0.45 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,053.90 पर पहुंच गया। सेंसेक्स की कंपनियों में अडानी पोर्ट्स, एनटीपीसी, पावर ग्रिड, एचसीएल टेक, टाटा स्टील, सन फार्मा, ट्रेंट और एशियन पेंट्स प्रमुख लाभ में रहे। वहीं, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, इटर्नल, महिंद्रा एंड महिंद्रा और मारुति पिछड़ने वालों में शामिल रहे।


सोने और चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव

निवेशकों की सतर्कता के कारण बुधवार को सोने का वायदा भाव 176 रुपये गिरकर 1,19,470 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। वहीं, चांदी में तेजी आई, जिसमें दिसंबर डिलीवरी के लिए चांदी का भाव 451 रुपये या 0.31 प्रतिशत बढ़कर 1,44,793 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया।


विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में सोने और चांदी की कीमतों में अस्थिरता बनी रहेगी। अमेरिका द्वारा चीन सहित अन्य देशों के साथ सकारात्मक बातचीत के चलते सुरक्षित निवेश की मांग में कमी आई है, जिससे भारतीय और वैश्विक बाजारों में सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है।