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भारतीय शेयर बाजार में सुधार: निवेशकों को मिली राहत

शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार ने सुबह की गिरावट के बाद सुधार दिखाया, जिससे निवेशकों को राहत मिली। सेंसेक्स और निफ्टी में उतार-चढ़ाव के बीच, विशेषज्ञों का मानना है कि घटती महंगाई और स्थिर मैक्रोइकोनॉमिक माहौल ने बाजार को सहारा दिया है। अमेरिका से आने वाले संकेत और भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता भी बाजार की दिशा को प्रभावित कर रहे हैं। एफआईआई की बिकवाली और सोने की कीमतों में गिरावट के बावजूद, बाजार ने सकारात्मक रुख बनाए रखा है। जानें आगे की संभावनाएँ और निवेश की रणनीतियाँ।
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भारतीय शेयर बाजार में सुधार: निवेशकों को मिली राहत

शेयर बाजार में रिकवरी का संकेत

शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार ने सुबह की भारी गिरावट के बाद दोपहर में सुधार दिखाया, जिससे निवेशकों को राहत मिली। शुरुआती घंटों में वैश्विक बिकवाली के प्रभाव से सेंसेक्स 84,029.32 के निचले स्तर तक गिर गया था, जबकि निफ्टी भी 25,740.80 तक नीचे आया। हालांकि, दोपहर के बाद घरेलू संकेतों में सुधार हुआ और बाजार ने सकारात्मक तरीके से सप्ताह का समापन किया।


सप्ताह भर की उतार-चढ़ाव

पूरे सप्ताह ट्रेडिंग सत्र में उतार-चढ़ाव जारी रहा, लेकिन अंतिम सत्रों में बाजार ने फिर से गति पकड़ी। रिलिगेयर ब्रोकिंग के रिसर्च एसवीपी अजीत मिश्रा के अनुसार, घटती महंगाई और स्थिर मैक्रोइकोनॉमिक माहौल ने बाजार की भावनाओं को मजबूती दी है। उनका सुझाव है कि निवेशकों को स्टॉक-विशिष्ट रणनीति अपनानी चाहिए और घरेलू मांग वाले क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।


अमेरिकी बाजार का प्रभाव

अमेरिकी बाजार से आने वाले संकेत भी भारतीय बाजार को प्रभावित कर रहे हैं। फेडरल रिज़र्व की पिछली बैठक के मिनट्स और अमेरिकी रोजगार डेटा के कारण वैश्विक सेंटीमेंट में उतार-चढ़ाव बना हुआ है। एआई से जुड़े शेयरों में अचानक आई गिरावट के बाद तेज रिकवरी ने अमेरिकी सूचकांकों को संभाला, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि एआई-लिंक्ड स्टॉक्स की अस्थिरता आगे भी बाजार को प्रभावित करेगी।


भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता भी बाजार की प्रमुख थीम बनी हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, दोनों देशों के बीच संवेदनशील मुद्दों पर सहमति बनने लगी है और साल के अंत तक पहले चरण के BTA समझौते के पूरा होने की उम्मीद है। भारत ने एथेनॉल उत्पादन के लिए कॉर्न खरीद जैसी नई संभावनाओं पर सकारात्मक रुख दिखाया है, जिससे ऊर्जा और कृषि क्षेत्र में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।


एफआईआई की बिकवाली

एफआईआई की भारी बिकवाली भी निवेशकों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। नवंबर के पहले 14 दिनों में एफआईआई ने लगभग ₹13,925 करोड़ की सेलिंग की है, जबकि 2025 में अब तक कुल बिकवाली ₹2,08,126 करोड़ तक पहुंच चुकी है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज़ के वी.के. विजयकुमार का कहना है कि अमेरिका, चीन, ताइवान और दक्षिण कोरिया जैसे बाजारों में बढ़ती रुचि के कारण एफआईआई भारत से पैसे निकाल रहे हैं।


सोने की कीमतों में गिरावट

सोने की कीमतों में घरेलू बाजार में सप्ताह के अंत में थोड़ी गिरावट आई, लेकिन समग्र रुझान अब भी सकारात्मक बना हुआ है। एमसीएक्स पर शुक्रवार को सोना ₹123,400 प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। विश्लेषकों के अनुसार, यह ₹1,24,000–₹1,27,500 के दायरे में उतार-चढ़ाव कर सकता है।


तकनीकी संकेत और भविष्यवाणी

तकनीकी संकेतों के अनुसार, निफ्टी चार हफ्तों से एक सीमित दायरे में था और अब 26,100 के ऊपर निकलने की कोशिश कर रहा है। मिश्रा का कहना है कि यदि यह स्तर पार होता है, तो सूचकांक 26,277.35 के रिकॉर्ड स्तर और फिर 26,500 की ओर बढ़ सकता है। बैंक निफ्टी में भी तेजी का रुख बना हुआ है।


आने वाले सप्ताह की संभावनाएं

कुल मिलाकर, चुनावी माहौल, वैश्विक अनिश्चितताओं और एफआईआई की गतिविधियों के बावजूद भारतीय शेयर बाजार ने हफ्ते के अंत में मजबूती दिखाई है। विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले सप्ताह में घरेलू आंकड़े, अमेरिकी संकेत और वैश्विक भावनाएं बाजार की दिशा तय करेंगी।