Newzfatafatlogo

भारतीय स्टेट बैंक ने होम लोन की दरें बढ़ाईं, नए ग्राहकों पर पड़ेगा असर

भारतीय स्टेट बैंक ने नए उधारकर्ताओं के लिए होम लोन की ब्याज दरों में 0.25% की वृद्धि की है, जिससे नए ग्राहकों पर असर पड़ेगा। यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब आरबीआई ने रेपो रेट को स्थिर रखा है। जानें इस बदलाव का क्या प्रभाव होगा और अन्य बैंकों की प्रतिक्रिया क्या हो सकती है।
 | 
भारतीय स्टेट बैंक ने होम लोन की दरें बढ़ाईं, नए ग्राहकों पर पड़ेगा असर

एसबीआई ने बढ़ाई होम लोन की ब्याज दरें

नई दिल्ली: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), जो देश का सबसे बड़ा बैंक है, ने नए उधारकर्ताओं के लिए होम लोन की ब्याज दरों में 25 आधार अंक या 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की है। यह बढ़ोतरी बैंक द्वारा ब्याज दरों के ऊपरी बैंड में की गई है। अब एसबीआई द्वारा नए होम लोन के लिए ब्याज दर 7.50 प्रतिशत से 8.70 प्रतिशत के बीच निर्धारित की गई है, जबकि पहले यह 7.50 प्रतिशत से 8.45 प्रतिशत के बीच थी।


यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी मौद्रिक नीति में रेपो रेट को 5.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा है। होम लोन का निर्धारण हमेशा क्रेडिट स्कोर के आधार पर होता है; जिन ग्राहकों का क्रेडिट स्कोर अच्छा होता है, उन्हें कम ब्याज दर पर लोन मिलता है। इसके विपरीत, कम क्रेडिट स्कोर वाले उधारकर्ताओं पर बढ़ी हुई ब्याज दरों का अधिक प्रभाव पड़ेगा।


अन्य सरकारी बैंकों जैसे यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया भी ग्राहकों को होम लोन पर 7.35 प्रतिशत से 10.10 प्रतिशत की ब्याज दरें प्रदान कर रहे हैं। एसबीआई द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि के बाद, अन्य बैंक भी इस दिशा में कदम उठा सकते हैं।


इससे पहले, बैंक ने एक रिपोर्ट में कहा था कि आरबीआई द्वारा रेपो दर में कटौती से होम लोन की लागत में कमी आएगी। यह परिवर्तन सबसे पहले एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट (ईबीएलआर) से जुड़े लोन में देखा जाएगा, जो सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा दिए गए लोन का लगभग 60 प्रतिशत है।


इसके साथ ही, एसबीआई ने चेतावनी दी है कि भले ही कम दरों से उधारकर्ताओं को लाभ होता है, लेकिन बैंकों को अपने लाभ मार्जिन पर दबाव का सामना करना पड़ सकता है।