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मध्य प्रदेश का नया बजट: ग्रामीण विकास और सड़क निर्माण पर जोर

मध्य प्रदेश का वित्त वर्ष 2025-26 का बजट ग्रामीण और शहरी विकास को गति देने के लिए तैयार किया गया है। इसमें नई सड़कों और फ्लाईओवरों के निर्माण के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। मुख्यमंत्री मजरा टोला सड़क योजना के तहत 100 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। अगले 5 वर्षों में 1 लाख किलोमीटर सड़कें बनाने का लक्ष्य रखा गया है। जानें इस बजट में और क्या खास है और कैसे यह प्रदेश के विकास को प्रभावित करेगा।
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मध्य प्रदेश का नया बजट: ग्रामीण विकास और सड़क निर्माण पर जोर

मध्य प्रदेश का वित्त वर्ष 2025-26 का बजट


मध्य प्रदेश समाचार: मध्य प्रदेश में वित्त वर्ष 2025-26 का बजट ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के विकास को गति देने के लिए तैयार किया गया है। इसमें नई सड़कों और फ्लाईओवरों के निर्माण के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। राज्य के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने विधानसभा में 4.21 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट पेश किया। इस बजट में ग्रामीणों की सुविधा के लिए मुख्यमंत्री मजरा टोला सड़क योजना की शुरुआत की जा रही है, जिसके लिए 100 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।


वित्त मंत्री देवड़ा ने अपने बजट भाषण में बताया कि अगले 5 वर्षों में 1 लाख किलोमीटर सड़कें बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही, 500 रेल ओवर ब्रिज और फ्लाईओवर भी बनाए जाएंगे। इस वर्ष 3500 किलोमीटर नई सड़कें और 70 पुलों का निर्माण किया जाएगा। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत वित्त वर्ष 2024-25 में लगभग 1000 किलोमीटर सड़कों का निर्माण और 5200 किलोमीटर सड़कों का नवीनीकरण किया जाएगा।


8631 गांवों को जोड़ा गया बारहमासी मार्ग से


मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत अब तक 8631 गांवों को 19,472 किलोमीटर लंबाई की सड़कों से जोड़ा गया है। हालांकि, कुछ गांवों में अभी भी मुख्य सड़कों से पहुंचने के लिए मार्ग उपलब्ध नहीं है। इसलिए, ग्रामवासियों को सुविधाजनक मार्ग प्रदान करने के लिए नई "मुख्यमंत्री मजरा-टोला सड़क योजना" शुरू की जा रही है, जिसके लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, 'क्षतिग्रस्त पुलों का पुनर्निर्माण योजना' भी शुरू की जा रही है, जिसके लिए 100 करोड़ रुपये का आवंटन प्रस्तावित है। सड़कों और पुलों के निर्माण एवं रखरखाव के लिए 16,436 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 34 प्रतिशत अधिक है।


उन्होंने कहा कि रोड नेटवर्क, एक्सप्रेसवे, मेट्रो और एलिवेटेड कॉरिडोर जैसी परियोजनाओं के माध्यम से प्रदेश का इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से विकसित हो रहा है। भोपाल, देवास, ग्वालियर, जबलपुर, सतना और इंदौर में एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण कार्य चल रहा है। उज्जैन-जावरा 4 लेन सड़क के निर्माण से उज्जैन, इंदौर और आसपास के क्षेत्रों को दिल्ली-मुंबई 8 लेन कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा। उज्जैन-इंदौर 6 लेन रोड का भूमि पूजन भी किया जा चुका है, जिसकी लागत 1692 करोड़ रुपये है।


116 नए रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कार्य जारी


देवड़ा ने बताया कि रेलवे क्रॉसिंग पर यातायात बाधित होने से समय और ईंधन की बर्बादी को रोकने के लिए रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) और रेलवे अंडरब्रिज (आरयूबी) का निर्माण प्राथमिकता से किया जा रहा है। प्रदेश में 4251 करोड़ रुपये की लागत से 116 नए रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कार्य प्रगति पर है।