मायावती ने भाषाई विवाद और जनहित मुद्दों पर चिंता व्यक्त की

मायावती की समीक्षा बैठक
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती ने महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में पार्टी की संगठनात्मक तैयारियों और जनाधार को बढ़ाने के लिए एक समीक्षा बैठक आयोजित की। इस बैठक में उन्होंने धार्मिक उन्माद के बाद अब भाषा और जातीय हिंसा की बढ़ती समस्या पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने सभी सरकारों से कानून-व्यवस्था के साथ-साथ महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा और स्वास्थ्य जैसे जनहित के मुद्दों पर ध्यान देने की अपील की, ताकि देशहित प्रभावित न हो।
बैठक के दौरान, बसपा प्रमुख ने महाराष्ट्र और तमिलनाडु में भाषाई विवाद और उससे जुड़ी हिंसा पर चर्चा की। मायावती ने कहा कि यह प्रवृत्ति खतरनाक है और यह तब होती है जब धर्म, क्षेत्र, जाति और भाषा की संकीर्ण राजनीति लोगों की देशभक्ति को प्रभावित करने का प्रयास करती है। हर भारतीय को अपनी भारतीयता पर गर्व करना चाहिए। खासकर मुंबई, जो देश की आर्थिक राजधानी है, वहां सभी राज्यों के लोगों का सीधा संबंध है, इसलिए सरकार को उनकी जान, माल और धर्म की सुरक्षा की गारंटी देनी चाहिए। केंद्र सरकार को भी इस मामले में सक्रियता दिखानी चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि विभिन्न राज्यों में पुल और एक्सप्रेसवे पर बढ़ती दुर्घटनाएं और उनमें जान-माल की हानि से जनता का विश्वास डगमगाता है। सरकारी लापरवाही और भ्रष्टाचार के मामलों में उम्मीद को भारी धक्का लगता है, जिससे बचाव के उपाय किए जाने चाहिए। इसके अलावा, कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी और सरकार के भीतर राजनीतिक गुटबाजी और टकराव से उत्पन्न अस्थिरता कानून के राज को प्रभावित कर रही है, जिससे गरीब और दबे-कुचले लोग प्रभावित हो रहे हैं। यहां भी धार्मिक उन्माद और जातिवाद लोगों के जीवन को त्रस्त कर रहा है।