मारुति सुजुकी के चेयरमैन ने जीएसटी कटौती के प्रभाव पर की चर्चा
छोटी कारों की मांग में वृद्धि
मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आर. सी. भार्गव ने शुक्रवार को बताया कि जीएसटी दरों में कमी के कारण छोटी कारों की मांग में आई तेजी यह दर्शाती है कि भारतीय उपभोक्ताओं की धारणा कि वे छोटी कारों की बजाय बड़े वाहनों को प्राथमिकता देते हैं, गलत है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में कुछ कार निर्माता अपने उत्पादों की रेंज में बदलाव कर सकते हैं।
कंपनी के तिमाही परिणामों पर चर्चा करते हुए भार्गव ने बताया कि मारुति सुजुकी अपने पांचवें विनिर्माण संयंत्र की स्थापना के निर्णय के करीब है, और इसकी घोषणा अगले कुछ महीनों में की जा सकती है।
जीएसटी कटौती का प्रभाव
जीएसटी दरों में कमी के प्रभाव पर उन्होंने कहा कि मारुति सुजुकी 2030-31 के लिए अपने उत्पादन और बिक्री के अनुमान में बदलाव करने पर विचार कर रही है।
त्योहारों के दौरान कंपनी की खुदरा बिक्री रिकॉर्ड स्तर पर रही, जिसमें छोटी कारों की बिक्री का महत्वपूर्ण योगदान रहा। बड़ी कारों की बिक्री भी हुई, लेकिन उतनी नहीं।
जीएसटी दरों में बदलाव
जीएसटी दरों में संशोधन के बाद, 1,200 सीसी से कम इंजन क्षमता और 4,000 मिमी तक लंबाई वाले पेट्रोल, एलपीजी और सीएनजी वाहनों पर जीएसटी की दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दी गई है।
भार्गव ने अक्टूबर महीने के बिक्री प्रदर्शन का उल्लेख करते हुए कहा कि इस दौरान 18 प्रतिशत जीएसटी वाली श्रेणी में उनकी खुदरा बिक्री में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बड़ी कारों की बिक्री में भी लगभग चार से पांच प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।
छोटी कारों की निरंतर मांग
उन्होंने कहा कि यह धारणा गलत साबित हुई है कि सभी भारतीय अब छोटी कारें नहीं खरीदना चाहते।
भार्गव ने बताया कि अभी भी बहुत से लोग छोटी कारें खरीदने के इच्छुक हैं ताकि वे बेहतर निजी परिवहन का अनुभव कर सकें।
मारुति में लगभग 70 प्रतिशत उत्पादन '18 प्रतिशत जीएसटी' श्रेणी में होता है, और अब उत्पादों के मिश्रण में बदलाव देखने को मिलेगा।
उन्होंने कहा कि इस श्रेणी के वाहनों की खुदरा बिक्री 40 प्रतिशत जीएसटी वाले वाहनों की तुलना में तेजी से बढ़ेगी।
