मुंबई में 25 साल से घर का इंतजार: महिलाओं ने मुख्यमंत्री से लगाई गुहार

मुंबई आवास घोटाला
मुंबई आवास घोटाला: आर्थिक राजधानी मुंबई में हर किसी का सपना होता है कि उनका अपना घर हो। विलेपार्ले क्षेत्र की लगभग 250 महिलाओं ने राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजीत पवार से अपने घर के लिए मदद मांगी है। 25 साल बीत चुके हैं, लेकिन इन परिवारों को अब तक अपने सपनों का घर नहीं मिला है। इस परियोजना की शुरुआत 2000 में हुई थी, लेकिन अब तक केवल झूठे वादों से इनका मार्गदर्शन किया गया है।
बिल्डरों पर कई मामले दर्ज
सूत्रों के अनुसार, 25 साल पहले डेवलपर मनन जब्बार शेख और आफताब मनन शेख ने इन परिवारों को घर देने का वादा किया था, जो अब तक पूरा नहीं हुआ। लोगों का कहना है कि इन बिल्डरों ने मृत व्यक्तियों के दस्तावेजों का उपयोग करके भी पैसे का लेन-देन किया है।
बिल्डरों पर कई मामले दर्ज
इन बिल्डरों के खिलाफ आयकर, दिवालियापन, और आपराधिक मामलों की कई शिकायतें दर्ज की गई हैं। मुंबई के विभिन्न पुलिस थानों में इनके खिलाफ कई आपराधिक मामले भी चल रहे हैं। इन बिल्डरों ने ट्रांजिट कैंप के तहत हस्ताक्षर किए थे, जिसकी वैधता एक साल थी, लेकिन अब 25 साल बीत चुके हैं और अब तक घर नहीं मिला है।
1000 परिवारों के साथ धोखाधड़ी
1000 परिवारों के साथ धोखाधड़ी की गई
महिलाओं का कहना है कि 25 साल पहले उन्हें आश्वासन दिया गया था कि उनका घर जल्द ही मिलेगा। लेकिन वर्षों बीत जाने के बाद भी घर नहीं मिलने पर, उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री फडणवीस से गुहार लगाई है। उनका आरोप है कि लगभग 1000 परिवारों के साथ धोखाधड़ी की गई है।