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मुरादाबाद में गौतम बुद्धा पार्क विवाद: नगर निगम और सामाजिक संगठनों के बीच टकराव

मुरादाबाद के गौतम बुद्धा पार्क में अवैध निर्माण को लेकर नगर निगम और सामाजिक संगठनों के बीच विवाद गहरा गया है। 9 सितंबर को हुए प्रदर्शन में नगर निगम कर्मचारियों पर मारपीट का आरोप लगाया गया है। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि कार्रवाई नहीं हुई, तो वे हड़ताल पर जाएंगे। इस मामले में बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी हस्तक्षेप किया है। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और इसके पीछे के कारण।
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मुरादाबाद में गौतम बुद्धा पार्क विवाद: नगर निगम और सामाजिक संगठनों के बीच टकराव

गौतम बुद्धा पार्क में विवाद का नया मोड़


मुरादाबाद: मुरादाबाद के काशीराम नगर में स्थित गौतम बुद्धा पार्क में अवैध निर्माण और कब्जे को लेकर एक बार फिर से विवाद बढ़ गया है। 9 सितंबर को पार्क में सीनियर केयर सेंटर के निर्माण के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए नगर निगम कर्मचारियों पर मारपीट का आरोप लगाया गया। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि कार्रवाई नहीं हुई, तो वे हड़ताल पर जाएंगे। उनका कहना है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे और प्रशासन ने निर्माण कार्य को रोकने का आश्वासन दिया था।


गौतम बुद्धा पार्क में सीनियर केयर सेंटर का निर्माण नगर निगम द्वारा किया जा रहा था, जिसके विरोध में कई सामाजिक संगठनों ने धरना शुरू किया। बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इस मामले पर ट्वीट किया, जिसके बाद प्रशासन ने निर्माण कार्य को रोक दिया। इसके बाद विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी इस मुद्दे का समर्थन किया, जिससे प्रशासन ने निर्माण कार्य को पूरी तरह से बंद करवा दिया। अब यह तय किया गया है कि सीनियर केयर सेंटर का निर्माण किसी अन्य स्थान पर किया जाएगा।


नगर निगम कर्मचारियों का आरोप:


नगर निगम के कर्मचारी नेता मोहम्मद सुबहान ने आरोप लगाया कि चन्दन रैदास और उनके साथियों ने 9 सितंबर को निर्माण कार्य के दौरान सरकारी कार्य में बाधा डाली। उन्होंने आरोप लगाया कि रैदास ने सुपरवाइजर को जान से मारने की धमकी दी और सरकारी कार्य को रोक दिया। इसके अलावा, उन्होंने पार्क के शौचालय की बिजली की केबिल काटकर धरना स्थल पर अवैध रूप से बिजली जोड़ दी। इस मामले में नगर निगम कर्मचारियों ने अधिकारियों से शिकायत की है और कार्रवाई की मांग की है।


चन्दन रैदास का जवाब:


चन्दन रैदास ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनका और अन्य सामाजिक संगठनों का उद्देश्य पार्क में हो रहे अवैध निर्माण को रोकना था। उन्होंने कहा कि वे किसी भी मजदूर या नगर निगम कर्मचारी के साथ मारपीट नहीं की। रैदास ने आरोप लगाया कि नगर निगम उनके खिलाफ साजिश कर रहा है और यह सब मोहम्मद सुबहान के नेतृत्व में हो रहा है।