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मोदी सरकार की नई योजना: 3.5 करोड़ युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य

मोदी सरकार ने बेरोजगारी से जूझ रहे युवाओं के लिए एक नई योजना, ELI, को मंजूरी दी है। इस योजना का उद्देश्य अगले दो वर्षों में 3.5 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करना है। पहली बार नौकरी करने वालों को 15,000 रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा, कंपनियों को कर्मचारियों को बनाए रखने के लिए भी प्रोत्साहन मिलेगा। जानें इस योजना के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।
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मोदी सरकार की नई योजना: 3.5 करोड़ युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य

युवाओं के लिए रोजगार की नई पहल

देश के बेरोजगार युवाओं के लिए एक सकारात्मक समाचार सामने आया है। मोदी सरकार ने रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण योजना को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को एम्प्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव (ELI) योजना को लागू करने का निर्णय लिया है। इस योजना का उद्देश्य अगले दो वर्षों में 3.5 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करना है।


पहली बार नौकरी करने वालों के लिए प्रोत्साहन

इस योजना के अंतर्गत पहली बार नौकरी करने वाले युवाओं को विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा। सरकार इन युवाओं के लिए अधिकतम 15,000 रुपये की सब्सिडी दो किश्तों में प्रदान करेगी। यह सब्सिडी कंपनियों को दी जाएगी ताकि वे नए कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए प्रोत्साहित हों। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में योजना की जानकारी साझा करते हुए बताया कि इस पर कुल एक लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह योजना सभी पक्षों से चर्चा और सुझावों के बाद तैयार की गई है।


युवाओं के लिए दो स्तर पर मदद

ELI योजना को दो मुख्य भागों में विभाजित किया गया है: पहला, फर्स्ट टाइम जॉब होल्डर्स के लिए और दूसरा, स्थायी रोजगार के लिए। इस योजना के तहत पहली बार नौकरी करने वाले युवाओं को मिलने वाले वेतन के बराबर सरकार अधिकतम ₹15,000 तक की सब्सिडी देगी। यह राशि दो किश्तों में दी जाएगी, पहली किश्त छह महीने बाद और दूसरी बार 12 महीने बाद। यह राशि सीधे कंपनी को दी जाएगी ताकि वे इन कर्मचारियों को नौकरी देने और बनाए रखने के लिए प्रेरित हो सकें।


कर्मचारियों को बनाए रखने के लिए प्रोत्साहन

जो कंपनियां अपने कर्मचारियों को लंबे समय तक बनाए रखती हैं, उन्हें सरकार प्रति कर्मचारी ₹3,000 मासिक तक का समर्थन दो वर्षों तक प्रदान करेगी। इससे संगठनों को स्थायी रोजगार देने के लिए प्रेरणा मिलेगी और रोजगार का स्थायित्व बढ़ेगा।


विनिर्माण क्षेत्र पर विशेष ध्यान

इस योजना का विशेष ध्यान विनिर्माण क्षेत्र पर है। सरकार का मानना है कि यह क्षेत्र बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन की क्षमता रखता है। इसलिए कंपनियों को नई भर्तियों के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा ताकि देश में उत्पादन बढ़े और युवाओं को रोजगार भी मिले।