राजस्थान में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए ब्राजील से आएगा उच्च गुणवत्ता वाला सीमेन

राजस्थान में पशुपालन को नई दिशा
राजस्थान के पशुपालकों के लिए एक महत्वपूर्ण समाचार सामने आया है। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के सहयोग से पशुपालन को और अधिक लाभकारी बनाने के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है।
इस योजना के अंतर्गत, ब्राजील से उच्च गुणवत्ता वाली 'गिर नस्ल' का सीमेन आयात किया जाएगा, जिससे देसी गायों की नस्ल में सुधार होगा और दूध उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। यह सीमेन पशुपालकों को रियायती दरों पर उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे वे कम लागत में बेहतर नस्ल की गायें तैयार कर सकेंगे। इस पहल से न केवल दूध उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि पशुपालकों की आय में भी सुधार होगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
सरकार ने इस योजना के तहत राज्य के 11 जिलों में 44 पशुधन मेलों का आयोजन करने का निर्णय लिया है। ये मेले पशुपालकों को नई तकनीकों, नस्ल सुधार कार्यक्रमों, पशु पोषण और स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी प्रदान करेंगे। पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने बताया कि पहले केवल 7 मेले आयोजित होते थे, अब इनकी संख्या बढ़ाकर 44 की जाएगी, जिससे दूरदराज के पशुपालकों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंच सके।
ब्राजील से आयातित 'सेक्स-सॉर्टेड सीमेन' का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इससे 90% तक मादा बछड़ों के जन्म की संभावना होगी, जिससे बैलों की संख्या कम होगी और दूध उत्पादन में वृद्धि होगी। यह तकनीक पशुधन की उत्पादकता को बढ़ाने और किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में सहायक होगी।
वर्तमान में राजस्थान में 4,000 से अधिक गौशालाएं हैं, जिन्हें सरकार वित्तीय सहायता प्रदान करती है। हालांकि, बैलों की बढ़ती संख्या एक चुनौती बन रही है, जिसे यह योजना नियंत्रित करेगी। गिर नस्ल की गायें प्रतिदिन 40 से 50 लीटर दूध देने में सक्षम हैं, जो पशुपालकों के लिए मुनाफे का बड़ा स्रोत बनेगी।
यह योजना न केवल दूध उत्पादन को बढ़ाएगी, बल्कि दुग्ध उत्पादों से जुड़े स्थानीय उद्योगों को भी प्रोत्साहन देगी, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका को स्थायी और समृद्ध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।