राजस्थान में रेलवे ट्रैक का तेजी से हो रहा दोहरीकरण कार्य

राजस्थान में रेलवे ट्रैक का दोहरीकरण
राजस्थान: राजस्थान में 278 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण का कार्य तेजी से प्रगति पर है। इस परियोजना को 2027 के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अतिरिक्त, रेलवे ने एक और लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसके तहत लूनी से समदड़ी के बीच 50 किलोमीटर और भीलड़ी से रामसन तक 25 किलोमीटर का दोहरीकरण कार्य 2025 के अंत तक पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।
इन दोनों खंडों में बड़े पुलों की अनुपस्थिति के कारण रेलवे के लिए दोहरीकरण का कार्य सरल है। इसी कारण इन क्षेत्रों में कार्य तेजी से चल रहा है। वहीं, अन्य हिस्सों में पटरियों के आसपास की भूमि को चौड़ा करने, मिट्टी की कटाई और अन्य आवश्यक कार्य किए जा रहे हैं।
300 पुराने पुलों का निर्माण
सहायक मंडल इंजीनियर समदड़ी ने बताया कि इस पूरे रेल मार्ग पर पहले से लगभग 300 पुल मौजूद हैं। अब नए ट्रैक के लिए 300 और पुलों का निर्माण किया जाएगा, जिनमें जवाई, लूनी, सागी और सुकड़ी जैसी बड़ी नदियों पर पुल शामिल हैं। ये पुल बड़े और मजबूत होंगे, और इनके निर्माण में एक वर्ष से अधिक का समय लगेगा।
कार्य को चार हिस्सों में विभाजित किया गया
कार्य की सुगमता और गति के लिए इसे चार खंडों में बांट दिया गया है। आवश्यकता के अनुसार, विभिन्न स्थानों पर कंक्रीट और अन्य सामग्री तैयार करने के लिए 10 से अधिक रेडीमेड कंक्रीट प्लांट स्थापित किए गए हैं, जिससे कार्य में तेजी आई है।
स्ट्रक्चर में बदलाव
इस रेलवे लाइन का विद्युतीकरण पहले ही किया जा चुका है। अब दोहरीकरण के साथ नई लाइन का भी विद्युतीकरण किया जाएगा। दूधिया और धुंधाड़ा स्टेशन पर इस कार्य की शुरुआत हो चुकी है। इसके अलावा, भीमपुरा रेलवे स्टेशन पर एक स्टोर रूम का निर्माण किया जा रहा है, जहां विद्युतीकरण से संबंधित सामग्री रखी जाएगी।