राज्यसभा में गिग वर्कर्स की समस्याओं पर राघव चड्ढा की आवाज़
गिग वर्कर्स की स्थिति पर चिंता
नई दिल्ली - आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने राज्यसभा में डिलीवरी ब्वॉय की समस्याओं को उठाया है। उन्होंने कहा कि ये डिलीवरी ब्वॉय, जो ऑर्डर के बाद 10 मिनट के भीतर सेवाएं प्रदान करते हैं, भारतीय अर्थव्यवस्था के अनदेखे पहिये हैं। इनकी खामोशी रोजगार की आवश्यकता और असुरक्षा के कारण है, जो इन्हें जोखिम में डालने के लिए मजबूर करती है।
चड्ढा ने बताया कि ई-कॉमर्स और इंस्टेंट डिलीवरी कंपनियों ने इन 'खामोश श्रमिकों' की मदद से अरबों रुपये कमाए हैं, लेकिन इनकी स्थिति दिहाड़ी मजदूरों से भी बदतर है।
उन्होंने कहा, 'जोमैटो, स्विगी के डिलीवरी ब्वॉय, ओला और उबर के ड्राइवर, ब्लिंकिट और जैप्टो के राइडर, और अर्बन कंपनी के प्लंबर या ब्यूटीशियन गिग वर्कर हैं, लेकिन वास्तव में ये भारतीय अर्थव्यवस्था के अनदेखे पहिये हैं।' चड्ढा ने कहा कि तेज गति और समय के दबाव के कारण ये श्रमिक अपनी जान जोखिम में डालते हैं।
Today in Parliament, I spoke about the pain & misery of:
Zomato & Swiggy delivery boys,
Blinkit & Zepto riders,
Ola & Uber drivers,
Urban Company plumbers and technicians.They deserve dignity, protection and fair pay. pic.twitter.com/8ga2gxAoMu
— Raghav Chadha (@raghav_chadha) December 5, 2025
चड्ढा ने कहा कि डिलीवरी में 10 मिनट की देरी होने पर ग्राहक की नाराजगी का डर रहता है। ग्राहक पहले फोन कर डांटता है और फिर शिकायत करने की धमकी देता है, जिससे डिलीवरी ब्वॉय की मेहनत पर पानी फिर जाता है।
उन्होंने बताया कि इन श्रमिकों का काम 12 से 14 घंटे का होता है, चाहे मौसम कैसा भी हो। इनके पास सुरक्षा उपकरण नहीं होते और इन्हें विशेष बोनस या भत्ता भी नहीं मिलता। चड्ढा ने सरकार से अपील की कि गिग वर्कर्स की समस्याओं पर ध्यान दिया जाए और उनके लिए राहत की नीति बनाई जाए।
