रिलायंस पावर और रिलायंस इन्फ्रा पर ED की जांच का असर: निवेशकों की चिंताएं बढ़ीं
रिलायंस पावर और रिलायंस इन्फ्रा को हाल ही में ED द्वारा जांच का सामना करना पड़ा है, जिसके कारण उनके शेयरों में भारी गिरावट आई है। यह गिरावट 17,000 करोड़ रुपये के लोन धोखाधड़ी के आरोपों से जुड़ी है। निवेशकों के बीच चिंता बढ़ गई है, जिससे कंपनियों के भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं। जानें इस स्थिति का विस्तार से विश्लेषण और आगे की संभावनाएं।
Aug 5, 2025, 14:08 IST
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रिलायंस कंपनियों पर जांच का प्रभाव
हाल के दिनों में, रिलायंस पावर और रिलायंस इन्फ्रा को गंभीर जांच का सामना करना पड़ा है, जिसके चलते इन कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है। यह गिरावट प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा 17,000 करोड़ रुपये के लोन धोखाधड़ी के आरोपों की जांच के कारण हुई है। इस स्थिति ने निवेशकों के बीच चिंता का माहौल बना दिया है, जिससे इन कंपनियों के भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं।
ED जांच का पृष्ठभूमि
रिलायंस पावर और रिलायंस इन्फ्रा के खिलाफ ED की जांच भारत में वित्तीय अनियमितताओं के खिलाफ चल रही कार्रवाई का हिस्सा है। विशेष रूप से उन आरोपों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जिनमें बैंकों से लिए गए लोन का उपयोग ऐसे प्रोजेक्ट्स के लिए किया गया जो कभी शुरू नहीं हुए। इसने वित्तीय क्षेत्र में हलचल मचा दी है और कंपनियों की संचालन प्रक्रियाओं पर सवाल उठाए हैं।
शेयरों पर प्रभाव
जैसे ही ED की जांच की खबर आई, शेयर बाजार ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। रिलायंस पावर और रिलायंस इन्फ्रा के शेयरों में भारी गिरावट आई, जो निवेशकों के बीच घबराहट का संकेत था। कुछ ही दिनों में, रिलायंस पावर के शेयरों में 15% से अधिक की कमी आई, जबकि रिलायंस इन्फ्रा ने भी इसी तरह की गिरावट का सामना किया। इस घटनाक्रम ने न केवल इन कंपनियों को प्रभावित किया, बल्कि पूरे बाजार में भी हलचल मचाई।
निवेशकों के लिए प्रमुख चिंताएं
निवेशकों को ED की जांच के संभावित प्रभावों को लेकर चिंता है। रिलायंस पावर और रिलायंस इन्फ्रा की वित्तीय स्थिति पर सवाल उठाए जा रहे हैं, और विश्लेषकों का मानना है कि इन कंपनियों को नकदी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, कानूनी परिणामों की संभावना इन कंपनियों के संचालन को और जटिल बना सकती है।
रिलायंस पावर और रिलायंस इन्फ्रा की प्रतिक्रिया
आरोपों और बाजार की प्रतिक्रियाओं के मद्देनजर, रिलायंस पावर और रिलायंस इन्फ्रा ने बयान जारी किए हैं, जिसमें उन्होंने अपनी पारदर्शिता और अनुपालन की प्रतिबद्धता को दोहराया है। उन्होंने कहा है कि वे ED की जांच में पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं और विश्वास जताया है कि वे उठाए गए सवालों का समाधान करेंगे। हालांकि, यह आश्वासन निवेशकों के डर को कम करने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकता।
आगे का रास्ता
चली आ रही ED जांच रिलायंस पावर और रिलायंस इन्फ्रा के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती पेश करती है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, कंपनियों के लिए यह आवश्यक होगा कि वे सभी संबंधित पक्षों के साथ खुलकर संवाद करें, ताकि विश्वास बहाल किया जा सके। इसके अलावा, जांच का परिणाम इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में नियामक जांच के लिए एक मिसाल कायम कर सकता है।
निवेशकों के लिए सलाह
ED जांच के बीच रिलायंस पावर और रिलायंस इन्फ्रा के शेयरों में गिरावट यह दर्शाती है कि स्थापित कंपनियां भी नियामक चुनौतियों के प्रति संवेदनशील हो सकती हैं। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे जांच के घटनाक्रम से अवगत रहें और निवेश निर्णय लेने से पहले संभावित जोखिमों पर विचार करें। आने वाले महीने इन कंपनियों के भविष्य और बाजार में उनकी स्थिति को निर्धारित करने के लिए महत्वपूर्ण होंगे।