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रुपये में गिरावट, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.82 पर बंद हुआ

सोमवार को भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.82 पर बंद हुआ, जो कि अब तक का सबसे निचला स्तर है। डॉलर की मजबूती और कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि ने रुपये पर दबाव डाला है। विश्लेषकों का मानना है कि घरेलू बाजारों में मजबूती और डॉलर में कमजोरी से रुपये में सुधार हो सकता है। जानें और क्या है बाजार की स्थिति और कच्चे तेल की कीमतों का प्रभाव.
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रुपये में गिरावट, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.82 पर बंद हुआ

रुपये की स्थिति

सोमवार को भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले तीन पैसे की कमी के साथ 88.82 पर बंद हुआ, जो कि अब तक का सबसे निचला स्तर है। विदेशी बाजार में डॉलर की मजबूती और कच्चे तेल की कीमतों में अचानक वृद्धि ने घरेलू मुद्रा पर दबाव डाला है.


बाजार की गतिविधियाँ

विदेशी मुद्रा व्यापारियों के अनुसार, अमेरिकी डॉलर और भारतीय रुपये ने सीमित दायरे में कारोबार किया। विदेशी पूंजी की निकासी और भू-राजनीतिक घटनाक्रम के बीच घरेलू शेयर बाजारों से कुछ समर्थन मिला.


विनिमय दर का विश्लेषण

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में, रुपया 88.75 पर खुला और कारोबार के अंत में 88.82 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से तीन पैसे की गिरावट दर्शाता है. शुक्रवार को रुपया 88.79 पर बंद हुआ था, जो कि आठ पैसे की कमी थी.


विश्लेषकों की राय

अनुज चौधरी, मिराए एसेट शेयरखान के मुद्रा एवं जिंस के शोध विश्लेषक, ने कहा कि घरेलू बाजारों में मजबूती और अमेरिकी डॉलर में कमजोरी के कारण रुपया सकारात्मक रुख के साथ कारोबार कर सकता है. वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में कमी भी रुपये के लिए फायदेमंद हो सकती है, लेकिन डॉलर के लिए आयातक मांग में वृद्धि इसे रोक सकती है.


बाजार की अन्य गतिविधियाँ

इस बीच, डॉलर सूचकांक 0.73 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 98.43 पर पहुंच गया। घरेलू शेयर बाजारों में सेंसेक्स 582.95 अंक बढ़कर 81,790.12 अंक पर और निफ्टी 183.40 अंक की वृद्धि के साथ 25,077.65 अंक पर बंद हुआ.


कच्चे तेल की कीमतें

अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड की कीमत 1.61 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 65.58 डॉलर प्रति बैरल पर रही. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) ने शुक्रवार को 1,583.37 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.