Newzfatafatlogo

रुपये में गिरावट, अमेरिकी शुल्क की चिंताओं का असर

मंगलवार को रुपये में गिरावट आई, जो अमेरिकी द्वारा भारतीय उत्पादों पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने की योजना के कारण हुई। इस स्थिति ने घरेलू बाजारों को प्रभावित किया और आयातकों ने डॉलर की मांग बढ़ा दी। जानें कैसे यह शुल्क भारतीय निर्यात और शेयर बाजार को प्रभावित कर रहा है।
 | 
रुपये में गिरावट, अमेरिकी शुल्क की चिंताओं का असर

रुपये की स्थिति

मंगलवार को अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपये ने डॉलर के मुकाबले 13 पैसे की गिरावट के साथ 87.69 पर बंद किया। यह गिरावट अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने की योजना के कारण हुई।


विदेशी मुद्रा व्यापारियों के अनुसार, 27 अगस्त से लागू होने वाले इस शुल्क के चलते रुपये की मांग में कमी आई, जिससे आयातकों ने डॉलर की खरीद बढ़ा दी।


रुपया 87.74 पर खुला और दिन के दौरान 87.63 के उच्चतम और 87.80 के न्यूनतम स्तर को छुआ। अंत में, यह 87.69 पर बंद हुआ, जो पिछले बंद के मुकाबले 13 पैसे की कमी दर्शाता है.


अमेरिकी शुल्क का प्रभाव

सोमवार को रुपये की स्थिति 87.56 पर चार पैसे की गिरावट के साथ समाप्त हुई थी। मिराए एसेट शेयरखान के विश्लेषक अनुज चौधरी ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि भारत पर 50 प्रतिशत शुल्क (जिसमें 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क शामिल है) 27 अगस्त से लागू होगा।


इससे यह संकेत मिलता है कि यदि शांति वार्ता में कोई प्रगति नहीं होती है, तो रूस और उसके व्यापारिक साझेदारों पर और अधिक शुल्क लगाए जा सकते हैं, जिससे रुपये में और गिरावट आई।


भारतीय निर्यात पर असर

अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की योजना का मसौदा नोटिस जारी किया है। यह शुल्क झींगा मछली, परिधान, चमड़ा और रत्न एवं आभूषण जैसे श्रम-प्रधान निर्यात क्षेत्रों पर गंभीर प्रभाव डालेगा।


उच्च आयात शुल्क से अमेरिका को होने वाले 86 अरब डॉलर के भारतीय निर्यात का आधा हिस्सा प्रभावित होगा, जबकि दवाइयों, इलेक्ट्रॉनिक्स और पेट्रोलियम उत्पादों को इस शुल्क से छूट मिलेगी।


कच्चे तेल की कीमतों का प्रभाव

हालांकि, पिछले चार सत्रों में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के बाद आई नरमी ने रुपये की गिरावट को कुछ हद तक कम किया। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 1.48 प्रतिशत की गिरावट के साथ 67.78 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।


शेयर बाजार की स्थिति

इस बीच, मंगलवार को ट्रम्प द्वारा अमेरिकी फेडरल रिजर्व की गवर्नर लिसा कुक को बर्खास्त करने के बाद अमेरिकी डॉलर में गिरावट आई। डॉलर सूचकांक 0.05 प्रतिशत गिरकर 98.37 पर पहुंच गया।


बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सूचकांक 849.37 अंक की गिरावट के साथ 80,786.54 अंक पर और निफ्टी 255.70 अंक की गिरावट के साथ 24,712.05 अंक पर बंद हुआ।


शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने मंगलवार को 6,516.49 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।