रुपये में मजबूती, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का असर
रुपये की स्थिति में सुधार
कच्चे तेल की कीमतों में कमी के चलते शुक्रवार को भारतीय रुपया 54 पैसे की बढ़त के साथ 89.66 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा व्यापारियों के अनुसार, घरेलू शेयर बाजारों में सकारात्मक रुख और ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतों का 59 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल के आसपास बने रहना रुपये को समर्थन प्रदान कर रहा है।
भारतीय रिजर्व बैंक का हस्तक्षेप
हाल के हफ्तों में डॉलर के मुकाबले रुपये के लगातार गिरने के बाद, यह तेजी संभवतः भारतीय रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप के कारण आई है।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में, रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 90.19 पर खुला और दिन के दौरान 89.25 प्रति डॉलर के उच्च स्तर तक पहुंचा, जो पिछले बंद भाव से 95 पैसे अधिक है। अंततः यह 89.66 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से 54 पैसे की वृद्धि दर्शाता है।
बाजार की स्थिति
बृहस्पतिवार को रुपया 18 पैसे की मजबूती के साथ 90.20 पर बंद हुआ था। मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने बताया कि कंपनियों की ओर से डॉलर का प्रवाह और कच्चे तेल की गिरती कीमतों के कारण भारतीय रुपया लगातार तीसरे सत्र में मजबूत हुआ।
घरेलू बाजारों की मजबूती ने भी रुपये को समर्थन दिया।
भविष्य की संभावनाएं
चौधरी ने यह भी कहा कि विदेशी निवेशकों की बिकवाली का दबाव और भारत-अमेरिका व्यापार समझौते में देरी से रुपये में गिरावट का रुख बने रहने की संभावना है।
हालांकि, अमेरिकी डॉलर सूचकांक और कच्चे तेल की कीमतों में समग्र कमजोरी रुपये को निचले स्तर पर सहारा दे सकती है।
अमेरिकी डॉलर-भारतीय रुपये का हाजिर भाव 89.90 से 90.50 के बीच रहने का अनुमान है।
शेयर बाजार की स्थिति
इस बीच, घरेलू शेयर बाजार में सेंसेक्स 447.55 अंक की वृद्धि के साथ 84,929.36 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 150.85 अंक गिरकर 25,966.40 अंक पर रहा।
अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.37 प्रतिशत की गिरावट के साथ 59.60 डॉलर प्रति बैरल पर रहा।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को 595.78 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
