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रुपये में सुधार, लेकिन कच्चे तेल की कीमतों का दबाव बना हुआ है

रुपये ने शुक्रवार को अपने ऐतिहासिक निचले स्तर से उबरते हुए 88.70 प्रति डॉलर पर पहुंचने में सफलता पाई, लेकिन कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और विदेशी पूंजी की निकासी ने इसकी मजबूती को सीमित किया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपये की शुरुआत 88.72 प्रति डॉलर से हुई। इस बीच, घरेलू शेयर बाजारों में भी गिरावट देखी गई। जानें रुपये की स्थिति और बाजार की अन्य महत्वपूर्ण जानकारी।
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रुपये में सुधार, लेकिन कच्चे तेल की कीमतों का दबाव बना हुआ है

रुपये की स्थिति में सुधार

कमजोर डॉलर और भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की सकारात्मक संभावनाओं के बीच, रुपये ने शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में अपने ऐतिहासिक निचले स्तर से उबरते हुए 88.70 प्रति डॉलर पर छह पैसे की वृद्धि दर्ज की।


विदेशी मुद्रा व्यापारियों के अनुसार, विदेशी पूंजी की निकासी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि ने रुपये की मजबूती को सीमित किया है।


बाजार में रुपये की शुरुआत

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपये की शुरुआत 88.72 प्रति डॉलर से हुई, और यह 88.70 प्रति डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले बंद भाव से छह पैसे की वृद्धि को दर्शाता है।


गुरुवार को रुपये ने 88.76 प्रति डॉलर के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद किया था।


डॉलर सूचकांक और शेयर बाजार की स्थिति

इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.17 प्रतिशत की गिरावट के साथ 98.38 पर पहुंच गया।


घरेलू शेयर बाजारों में, सेंसेक्स ने शुरुआती कारोबार में 329.66 अंक की गिरावट के साथ 80,830.02 अंक पर और निफ्टी 105.7 अंक गिरकर 24,785.15 अंक पर आ गया।


कच्चे तेल की कीमतें

अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड की कीमत 0.22 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 69.57 डॉलर प्रति बैरल पर बनी रही।


शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) ने गुरुवार को 4,995.42 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।