रेड लेडी 786 पपीता: किसानों के लिए मुनाफे का नया स्रोत

रेड लेडी 786 पपीता: किसानों की समृद्धि का राज
बिहार के भोजपुर जिले के आयर गांव के किसान उपेंद्र सिंह ने रेड लेडी 786 पपीता की खेती से कम लागत में शानदार मुनाफा कमाकर सबको हैरान कर दिया है। यह पपीता की एक विशेष किस्म है, जिसमें बीज की मात्रा कम और फल की संख्या अधिक होती है।
डायबिटीज के मरीजों के लिए सुरक्षित
यह पपीता की किस्म डायबिटीज के रोगियों के लिए भी पूरी तरह सुरक्षित मानी जाती है। किसान इस खेती से एक-दो सीजन में लाखों रुपये कमा रहे हैं। आइए जानते हैं कि यह खेती कैसे किसानों की जिंदगी में बदलाव ला रही है।
रेड लेडी 786: पपीता की विशेषता
रेड लेडी 786 पपीता की खेती किसानों के लिए एक वरदान साबित हो रही है। इस किस्म की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसके एक पौधे में नर और मादा दोनों गुण होते हैं, जिससे हर पौधे पर ढेर सारे फल लगते हैं।
नगदी फसल का नया विकल्प
किसान अब पारंपरिक खेती को छोड़कर नगदी फसलों की ओर बढ़ रहे हैं, क्योंकि इनमें कम समय और लागत में अच्छा मुनाफा मिलता है। उपेंद्र सिंह के अनुसार, पपीता की खेती में सही पौधे का चयन और प्रबंधन बेहद महत्वपूर्ण है।
एक एकड़ में 700 पौधे, फल तैयार होने में ढाई महीने
उपेंद्र सिंह ने बताया कि एक एकड़ में पपीता की खेती के लिए 600 से 700 पौधे लगाए जाते हैं। इन पौधों को नमी वाली मिट्टी में लगाना चाहिए और समय-समय पर सिंचाई और जैविक खाद का उपयोग करना आवश्यक है।
एक पेड़ से डेढ़ क्विंटल फल
रेड लेडी 786 पपीता की बाजार में बहुत मांग है। उपेंद्र सिंह ने बताया कि एक पेड़ से 1 से 1.5 क्विंटल फल प्राप्त होता है। इस खेती से किसान अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं।
किसान की राय: रेड लेडी 786 के लाभ
उपेंद्र सिंह ने बताया कि रेड लेडी 786 पपीता की कई विशेषताएं हैं। इसमें नर पौधों की संख्या बहुत कम होती है, और हर पौधे में नर-मादा दोनों गुण होते हैं। इसके फल में मिठास कम होती है, जिससे यह डायबिटीज के मरीजों के लिए उपयुक्त है।