रेपो रेट में संभावित बदलाव: लोन की EMI में कमी की उम्मीद

रेपो रेट अपडेट
रेपो रेट अपडेट: लोन की EMI की राशि कई कारकों पर निर्भर करती है, जिसमें बाजार की स्थिति भी शामिल है। हाल ही में, रेपो रेट में संभावित बदलाव ने लोन की EMI में कमी का संकेत दिया है।
गोल्डमैन सैक्स की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष के अंत से पहले ब्याज दरों में एक और कटौती की संभावना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह कदम हाल के GST सुधारों और नियामक ढील के साथ मिलकर लोन की मांग को बढ़ा सकता है। भारत जल्द ही अपनी मौद्रिक सख्ती को समाप्त कर सकता है।
लोन की EMI में कमी
पॉलिसी रेट में कमी का सीधा लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा, जिससे लोन की EMI घटेगी। गोल्डमैन सैक्स ने कहा है कि उसे साल के अंत से पहले एक और पॉलिसी रेट में कटौती की उम्मीद है। इसके अलावा, GST में हालिया सुधार से यह संकेत मिलता है कि वित्तीय समेकन का चरम स्तर पार हो चुका है।
क्रेडिट डिमांड में सुधार
विश्लेषकों का मानना है कि घरेलू नियामक ढील के साथ, क्रेडिट डिमांड में धीरे-धीरे सुधार होगा। गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि बाहरी कारक भारत की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव डाल रहे हैं। इनमें H-1B वीजा के लिए अमेरिका में बढ़ी हुई इमिग्रेशन लागत शामिल है, जिसका असर भारतीय IT सेवाओं पर पड़ता है। इसके अलावा, अमेरिका द्वारा भारतीय सामानों पर लगाए गए 50% उच्च टैरिफ भी क्रेडिट डिमांड को प्रभावित कर सकते हैं।
रेट कटौती की संभावना
आरबीआई के पॉलिसी स्टेटमेंट से यह स्पष्ट होता है कि मौजूदा मैक्रोइकॉनॉमिक परिस्थितियों में और ढील की गुंजाइश है। इससे 25 बेसिस पॉइंट (0.25%) की एक और रेट कटौती की संभावना बनती है, जबकि वर्तमान में मुख्य रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने हाल ही में सर्वसम्मति से रेपो रेट को 5.5 प्रतिशत पर बनाए रखने का निर्णय लिया था।