लखनऊ, कानपुर और आगरा में मेट्रो परियोजनाओं को विशेष सुविधा का दर्जा देने की तैयारी

UPMRC का प्रस्ताव
UPMRC प्रस्ताव: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के साथ-साथ कानपुर और आगरा की मेट्रो रेल परियोजनाओं को विशेष सुविधा परियोजना का दर्जा देने की योजना बनाई जा रही है। इस संदर्भ में उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) ने सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है। यदि सरकार इस पर अधिसूचना जारी करती है, तो इन तीनों शहरों में मेट्रो परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त विशेष सुविधा शुल्क लागू किया जाएगा।
केंद्र सरकार की मेट्रो नीति
केंद्र सरकार की मेट्रो रेल नीति 2017 के अनुसार, राज्यों को मेट्रो परियोजनाओं की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है। इसी दिशा में, राज्य सरकार ने अगस्त 2023 में शहरी नियोजन एवं विकास संशोधन अधिनियम लागू किया, जिसमें मेट्रो रेल, लाइट रेल, रैपिड रीजनल रेल, बस रैपिड ट्रांजिट और रोपवे जैसी परिवहन परियोजनाओं को विशेष सुविधा परियोजना की श्रेणी में रखा गया। इसके बाद, वर्ष 2024 में विशेष सुविधा शुल्क नियमावली भी तैयार की गई थी। अब केवल अधिसूचना जारी होना बाकी है।
विशेष सुविधा परियोजना का दर्जा
विशेष सुविधा परियोजना का दर्जा
जैसे ही अधिसूचना जारी होगी, लखनऊ, कानपुर और आगरा की मेट्रो को विशेष सुविधा परियोजना का दर्जा प्राप्त होगा। इससे विशेष सुविधा शुल्क वसूलने और एक अलग विकास कोष बनाने का मार्ग प्रशस्त होगा। यूपीएमआरसी का कहना है कि इससे मेट्रो परियोजनाओं का संचालन और रखरखाव आसान होगा और दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित की जा सकेगी। साथ ही, विकास कार्यों की गति भी तेज होगी।
यूपीएमआरसी की शासन से मांग
यूपीएमआरसी की शासन से मांग
यूपीएमआरसी ने शासन से अनुरोध किया है कि सुख सुविधा शुल्क से संबंधित अधिसूचना में लखनऊ मेट्रो को भी शामिल किया जाए। लखनऊ मेट्रो को बजट की अधिक आवश्यकता है और इसके लिए विशेष एस्क्रो खाता खोलने की भी मांग की गई है। एमडी ने प्रमुख सचिव आवास को पत्र लिखकर कहा है कि यदि अलग शुल्क नहीं लगाया जा सकता, तो मौजूदा शुल्क का एक हिस्सा लखनऊ मेट्रो को दिया जाए ताकि उसकी वित्तीय स्थिति मजबूत हो सके।
एलडीए का विशेष सुख सुविधा शुल्क
एलडीए का विशेष सुख सुविधा शुल्क
इस बीच, लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) पहले से ही शहरवासियों से सुख सुविधा शुल्क वसूल रहा है। गोमती नदी किनारे ग्रीन कॉरिडोर परियोजना के लिए एलडीए 500 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से शुल्क ले रहा है। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति 300 वर्ग मीटर का मकान बना रहा है, तो उसे नक्शा पास कराते समय 1.50 लाख रुपये अतिरिक्त देने पड़ते हैं। यदि लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के लिए अलग से शुल्क लगाया जाता है, तो यह लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ा सकता है। वहीं, यदि मौजूदा शुल्क में मेट्रो को भी जोड़ा गया, तो दरें दोगुनी तक हो सकती हैं, जिससे शहरवासियों पर भारी वित्तीय दबाव आ सकता है।