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वित्त मंत्रालय का नया आदेश: त्योहारों पर उपहारों पर रोक

वित्त मंत्रालय ने 19 सितंबर 2025 को सभी केंद्रीय मंत्रालयों को निर्देश दिया है कि दिवाली और अन्य त्योहारों पर सार्वजनिक धन से उपहारों पर कोई खर्च नहीं किया जाएगा। यह कदम सरकार के वित्तीय अनुशासन को बनाए रखने और अनावश्यक खर्चों को नियंत्रित करने के प्रयास का हिस्सा है। इस आदेश का उद्देश्य सरकारी संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग सुनिश्चित करना है। जानें इस आदेश के पीछे के कारण और इसके प्रभाव के बारे में।
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वित्त मंत्रालय का नया आदेश: त्योहारों पर उपहारों पर रोक

वित्त मंत्रालय के दिशा-निर्देश

वित्त मंत्रालय के निर्देश: 19 सितंबर 2025 को, वित्त मंत्रालय ने सभी केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और संबंधित संगठनों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि दिवाली या अन्य त्योहारों के दौरान सार्वजनिक धन से उपहारों पर कोई खर्च नहीं किया जाएगा। यह निर्णय सरकार के वित्तीय अनुशासन को बनाए रखने और अनावश्यक खर्चों को नियंत्रित करने के प्रयास का हिस्सा है।


कार्यालय ज्ञापन की मुख्य बातें

व्यय विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि यह प्रतिबंध तुरंत प्रभाव से लागू होगा। पहले भी इसी तरह के निर्देश जारी किए गए थे, और यह निर्णय धन के विवेकपूर्ण उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। मंत्रालयों और विभागों को यह सुनिश्चित करना होगा कि दिवाली और अन्य त्योहारों के लिए उपहारों या संबंधित वस्तुओं पर कोई व्यय न किया जाए।


अधिकारियों और विभागों के लिए निर्देश

यह आदेश सचिव (व्यय) द्वारा अनुमोदित किया गया है और संयुक्त सचिव पी.के. सिंह द्वारा हस्ताक्षरित किया गया है। इसे सभी सचिवों, मंत्रालयों और विभागों के वित्तीय सलाहकारों के अलावा लोक उद्यम विभाग और वित्तीय सेवा विभाग को भी भेजा गया है। इन विभागों को निर्देश दिया गया है कि यह सुनिश्चित करें कि यह आदेश केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई), सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों तक पहुंचे और लागू हो।


वित्त मंत्रालय का उद्देश्य

आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि भारत सरकार के मंत्रालयों/विभागों और अन्य अंगों द्वारा दिवाली और अन्य त्योहारों के लिए उपहारों और संबंधित वस्तुओं पर कोई व्यय नहीं किया जाएगा। यह आदेश सरकार के दृष्टिकोण को दर्शाता है कि सार्वजनिक धन का विवेकपूर्ण और आवश्यकताओं के अनुसार ही उपयोग किया जाना चाहिए।


त्योहारों पर अनावश्यक खर्चों को रोकना

इस कदम का उद्देश्य अनावश्यक खर्चों को रोकना और संसाधनों को प्राथमिक आवश्यकताओं की ओर पुनर्निर्देशित करना है। त्योहारों से जुड़े उपहारों पर खर्च पर रोक लगाने से विभागों में लंबे समय से चली आ रही प्रथा समाप्त हो सकती है, जिसे अक्सर गैर-जरूरी व्यय के रूप में देखा जाता था।


वित्त मंत्रालय का यह निर्णय इस बात का संदेश देता है कि सरकारी संसाधनों का उपयोग सोच-समझकर और न्यायसंगत तरीके से किया जाना चाहिए। यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि वर्तमान समय में राजकोषीय प्रबंधन और बजट आवंटन पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। गैर-जरूरी खर्चों पर रोक लगाने से सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सार्वजनिक धन का इस्तेमाल अधिकतम लाभकारी और आवश्यक कार्यों में किया जाए।