वित्त मंत्रालय ने जीएसटी में सुधार की दिशा में उठाए कदम

जीएसटी प्रणाली में सुधार की तैयारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर 'नेक्स्ट-जेन जीएसटी' और 'दोहरी दिवाली' का वादा किया था, जिसके बाद वित्त मंत्रालय ने जीएसटी प्रणाली में महत्वपूर्ण सुधारों की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। मंत्रालय ने जीएसटी स्लैब को कम करने और घरेलू वस्तुओं पर करों में कटौती का प्रस्ताव तैयार किया है, जो आम जनता को आर्थिक राहत देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।प्रधानमंत्री मोदी के बयान के अनुसार, सरकार 'नेक्स्ट-जेन जीएसटी' की ओर बढ़ रही है और करों में और कमी की जाएगी। वित्त मंत्रालय ने इस दिशा में कार्य करना शुरू कर दिया है। प्रस्तावों के तहत, मौजूदा चार-स्तरीय जीएसटी कर व्यवस्था (5%, 12%, 18% और 28%) को सरल बनाने पर विचार किया जा रहा है, जिससे इसे संभवतः दो या तीन स्लैब में लाया जा सके। इसका मुख्य उद्देश्य कर अनुपालन को आसान बनाना और उपभोक्ताओं पर करों का बोझ कम करना है।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 'दोहरी दिवाली' का वादा, जिसमें करों में कटौती से लोगों की खरीद क्षमता बढ़ाने का आश्वासन दिया गया था, उसे पूरा करने के लिए यह प्रस्ताव तैयार किया गया है। करों में कटौती का सीधा असर घरेलू वस्तुओं पर पड़ेगा, जिससे आवश्यक सामान अधिक किफायती हो जाएंगे। इससे न केवल आम जनता को राहत मिलेगी, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी गति मिलने की उम्मीद है, क्योंकि बढ़ी हुई क्रय शक्ति से मांग में वृद्धि होगी।
यह कदम 'आत्मनिर्भर भारत' के विजन के साथ भी मेल खाता है। करों को युक्तिसंगत बनाकर, सरकार घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना चाहती है और 'मेक इन इंडिया' पहल को मजबूत करना चाहती है। हालांकि, इन प्रस्तावों को अंतिम रूप देने और लागू करने से पहले विभिन्न हितधारकों से परामर्श और विधायी प्रक्रिया से गुजरना होगा। लेकिन, वित्त मंत्रालय की यह पहल स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि सरकार आर्थिक मोर्चे पर आम आदमी को राहत देने के लिए गंभीर है।