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विश्व बैंक ने भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर में किया सुधार

विश्व बैंक ने भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर का अनुमान 6.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है, जो उपभोक्ता खर्च में मजबूती के कारण संभव हुआ है। हालांकि, अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ का असर अगले वर्ष की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है। इस बीच, भारतीय शेयर बाजार में तेजी का दौर जारी है, जिससे निवेशकों में उत्साह है। जानें और क्या कहा गया है विश्व बैंक की रिपोर्ट में।
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विश्व बैंक ने भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर में किया सुधार

वृद्धि दर का अनुमान 6.5 प्रतिशत तक बढ़ा


भारतीय अर्थव्यवस्था ने वैश्विक चुनौतियों के बावजूद अपनी विकास दर को बनाए रखा है। विश्व बैंक ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए भारत की वृद्धि दर का अनुमान 6.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है। यह वृद्धि उपभोक्ता खर्च में मजबूती के कारण संभव हुई है।


हालांकि, विश्व बैंक ने चेतावनी दी है कि अमेरिका द्वारा भारतीय निर्यात पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ का असर अगले वर्ष की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।


वृद्धि अनुमान में पहले की गई थी कटौती

विश्व बैंक ने 2026-27 के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.7 प्रतिशत से घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है। इसके अलावा, 2027-28 के लिए 6.3 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। घरेलू परिस्थितियों में सुधार, विशेषकर कृषि उत्पादन और ग्रामीण मजदूरी में वृद्धि, ने इस वृद्धि को समर्थन दिया है।


सरकार के द्वारा जीएसटी में सुधार और कर स्लैब की संख्या को कम करने से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।


दक्षिण एशिया में विकास दर में कमी

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि दक्षिण एशिया की विकास दर 2025 में 6.6 प्रतिशत से घटकर 2026 में 5.8 प्रतिशत रहने की संभावना है। यह अमेरिका द्वारा भारत के निर्यात पर लगाए गए टैरिफ के कारण हो सकता है।


भारतीय शेयर बाजार में तेजी

भारतीय शेयर बाजार में लगातार गिरावट के बाद अब तेजी का दौर जारी है। बीते गुरुवार से शुरू हुई तेजी मंगलवार को लगातार चौथे दिन भी बनी रही। बीएसई सेंसेक्स 136.63 अंक या 0.17 प्रतिशत बढ़कर 81,790.12 अंक पर बंद हुआ।


इस दौरान, एनएसई निफ्टी भी 30.65 अंक या 0.12 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 25,108.30 पर पहुंच गया।