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वैश्विक बाजारों में कीमती धातुओं की कीमतों में उछाल

इस साल के अंत में वैश्विक बाजारों में कीमती धातुओं की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि देखी जा रही है। सोना, चांदी और प्लैटिनम ने अपने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, जिससे निवेशक सुरक्षित विकल्पों की ओर बढ़ रहे हैं। भू-राजनीतिक तनाव और डॉलर की कमजोरी ने इन धातुओं की मांग को बढ़ाया है। जानें कि कैसे ये कारक कीमती धातुओं की कीमतों को प्रभावित कर रहे हैं और भविष्य में क्या संभावनाएं हैं।
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वैश्विक बाजारों में कीमती धातुओं की कीमतों में उछाल

कीमती धातुओं में रिकॉर्ड वृद्धि

साल के अंत में वैश्विक बाजारों में हलचल बढ़ गई है, जिसका प्रमुख प्रभाव कीमती धातुओं पर पड़ा है। सोना, चांदी और प्लैटिनम ने अपने सभी पिछले रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। वर्तमान परिस्थितियों में, निवेशक जोखिम से बचने के लिए सुरक्षित विकल्पों की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे इन धातुओं की कीमतों को मजबूती मिली है।


सोने और चांदी की कीमतों में वृद्धि

हालिया आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को सोने की कीमत 1.2 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 4,530 डॉलर प्रति औंस के पार पहुंच गई। इसी तरह, चांदी ने लगातार पांचवें सत्र में बढ़त दर्ज करते हुए 75 डॉलर प्रति औंस का स्तर पार कर लिया। यह वृद्धि उस समय हुई है जब वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक तनाव बढ़ रहा है और अमेरिकी डॉलर पर दबाव है।


भू-राजनीतिक तनाव का प्रभाव

अमेरिका द्वारा कुछ क्षेत्रों में सैन्य कार्रवाई और वेनेजुएला जैसे देशों पर बढ़ते दबाव ने निवेशकों की चिंताओं को बढ़ा दिया है। ऐसे माहौल में सोना और चांदी पारंपरिक ‘सेफ हेवन’ के रूप में उभरे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि साल के अंत में बाजार में तरलता की कमी से कीमतों में उतार-चढ़ाव बढ़ गया है।


डॉलर की कमजोरी और सुरक्षित निवेश की मांग

स्काई लिंक कैपिटल ग्रुप के सीईओ डैनियल टाकिएदीन के अनुसार, भू-राजनीतिक अस्थिरता और कमजोर डॉलर ने सुरक्षित निवेश की मांग को बढ़ावा दिया है। इस सप्ताह डॉलर सूचकांक में लगभग 0.7 प्रतिशत की गिरावट आई है, जो जून के बाद की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट मानी जा रही है।


कीमतों में वृद्धि के कारण

आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष सोने की कीमत लगभग 70 प्रतिशत और चांदी की कीमत 150 प्रतिशत से अधिक बढ़ चुकी है। यह वृद्धि 1979 के बाद की सबसे मजबूत मानी जा रही है, जिसके पीछे केंद्रीय बैंकों की भारी खरीद, ईटीएफ में निवेश और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती जैसे कारण हैं।


कम ब्याज दरों का प्रभाव

कम ब्याज दरों का माहौल उन परिसंपत्तियों के लिए फायदेमंद होता है, जिन पर ब्याज नहीं मिलता, जैसे सोना और चांदी। इसके साथ ही, बढ़ते कर्ज और मुद्रा अवमूल्यन की आशंका ने निवेशकों को पारंपरिक बॉंड से दूर किया है।


चांदी और प्लैटिनम की स्थिति

चांदी की तेजी और भी अधिक चौंकाने वाली रही है। अक्टूबर में आए शॉर्ट स्क्वीज के बाद से बाजार में सप्लाई का दबाव बना हुआ है। लंदन के वॉल्ट्स में कुछ स्टॉक बढ़ा है, लेकिन अमेरिका में चांदी की उपलब्धता सीमित है। विश्लेषकों का कहना है कि कागजी सौदों को भौतिक धातु से कवर करना अब कठिन होता जा रहा है।


प्लैटिनम की बढ़ती मांग

प्लैटिनम ने भी जबरदस्त उछाल दर्ज किया है। यह धातु इस महीने अकेले 40 प्रतिशत से अधिक बढ़ चुकी है और 1987 के बाद पहली बार 2,400 डॉलर प्रति औंस के पार पहुंची है। इसकी मांग ऑटोमोबाइल और ज्वेलरी सेक्टर से बढ़ रही है, जबकि दक्षिण अफ्रीका में उत्पादन बाधित होने से आपूर्ति प्रभावित हुई है।


भविष्य की संभावनाएं

विश्लेषकों का मानना है कि जब तक वैश्विक तनाव, डॉलर की कमजोरी और आर्थिक अनिश्चितता बनी रहेगी, तब तक कीमती धातुओं में मजबूती बनी रहेगी।