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वैश्विक वस्तु व्यापार में वृद्धि का अनुमान, अमेरिका के शुल्क का प्रभाव

विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने वैश्विक वस्तु व्यापार में 0.9 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है, जिसका मुख्य कारण अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए शुल्क हैं। यह वृद्धि भारत के लिए सकारात्मक संकेत मानी जा रही है, जबकि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के चलते निर्यात स्थिर रहा है। डब्ल्यूटीओ की महानिदेशक ने व्यापार में अनिश्चितता के प्रभावों पर भी प्रकाश डाला है। जानें इस विषय में और क्या कहा गया है।
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वैश्विक वस्तु व्यापार में वृद्धि का अनुमान, अमेरिका के शुल्क का प्रभाव

वैश्विक व्यापार में वृद्धि की उम्मीद

इस वर्ष वैश्विक वस्तु व्यापार में 0.9 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना जताई गई है। इसका मुख्य कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए शुल्क हैं, जिनकी वजह से अमेरिका में माल की जल्दी डिलीवरी के चलते आयात में वृद्धि हुई है।


यह अनुमान विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) द्वारा प्रस्तुत किया गया है। डब्ल्यूटीओ ने यह भी बताया कि उच्च शुल्क का व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसके चलते 2026 में व्यापार की मात्रा में 1.8 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है, जबकि पहले इसका अनुमान 2.5 प्रतिशत था।


डब्ल्यूटीओ ने कहा, 'अब 2025 में विश्व वस्तु व्यापार में 0.9 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। यह अप्रैल में अनुमानित 0.2 प्रतिशत की गिरावट से अधिक है, लेकिन शुल्क वृद्धि से पहले के 2.7 प्रतिशत के अनुमान से कम है।'


इस मामूली वृद्धि को भारत के लिए सकारात्मक संकेत माना जा रहा है। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के चलते, जून में भारत का निर्यात 35.14 अरब डॉलर पर स्थिर रहा, जबकि व्यापार घाटा चार महीने के निचले स्तर 18.78 अरब डॉलर पर रहा।


डब्ल्यूटीओ की महानिदेशक नगोजी ओकोन्जो-इवेला ने कहा कि अमेरिकी शुल्क के कारण उत्पन्न अनिश्चितता व्यापार विश्वास, निवेश और आपूर्ति श्रृंखलाओं पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है। उन्होंने कहा, 'अनिश्चितता वैश्विक व्यापार माहौल में सबसे अधिक व्यवधान उत्पन्न करने वाली शक्तियों में से एक बनी हुई है।'


डब्ल्यूटीओ के अनुसार, एशियाई अर्थव्यवस्थाएं 2025 में विश्व वस्तु व्यापार की मात्रा में सकारात्मक योगदान देंगी। हालांकि, 2026 में उनका योगदान अप्रैल में किए गए अनुमान से कम होगा। उत्तरी अमेरिका 2025 और 2026 में वैश्विक व्यापार वृद्धि पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा।