व्हाइट हाउस ने एच-1बी वीजा पर ट्रंप के दृष्टिकोण का किया समर्थन
ट्रंप का संतुलित दृष्टिकोण
वाशिंगटन: व्हाइट हाउस ने एच-1बी वीजा के मुद्दे पर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दृष्टिकोण का समर्थन किया है। प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि ट्रंप का नजरिया संतुलित और सामान्य समझ पर आधारित है। उन्होंने बताया कि ट्रंप विदेशी श्रमिकों को केवल प्रारंभिक चरण में अमेरिका आने की अनुमति देंगे, ताकि बड़ी कंपनियां नए कारखाने स्थापित कर सकें। लेकिन बाद में उन स्थानों पर अमेरिकी श्रमिकों को ही रखा जाएगा।
लेविट ने यह भी कहा कि कई लोग राष्ट्रपति की सोच को सही तरीके से नहीं समझ पाए हैं। ट्रंप ने विदेशी कंपनियों को स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि वे अमेरिका में निवेश कर रही हैं, तो उन्हें अमेरिकी नागरिकों को नौकरी देनी होगी। यह बयान तब आया है जब ट्रंप ने हाल ही में कानूनी आव्रजन का समर्थन किया था, जिसमें उन्होंने टेक उद्योग में अमेरिकी श्रमिकों को प्रशिक्षण देने के लिए विदेश से 'हजारों लोगों' का स्वागत करने की बात की थी।
ट्रंप ने उदाहरण देते हुए कहा कि अरबों डॉलर खर्च करके एरिज़ोना में बड़े कंप्यूटर चिप कारखाने खोलने वाली कंपनियों को बेरोजगारों की कतार से लोगों को उठाकर काम नहीं चलाना चाहिए। उन्हें शुरुआत में हजारों विशेषज्ञों की आवश्यकता होगी, और वे इसका स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि विदेशी श्रमिक हमारे लोगों को 'कंप्यूटर चिप्स और अन्य चीजें' बनाना सिखाएंगे।
ट्रंप ने स्वीकार किया कि इस दृष्टिकोण के कारण उन्हें अपने समर्थकों से कुछ आलोचना का सामना करना पड़ सकता है। उनके बयानों के बाद देश में इस मुद्दे पर विवाद बढ़ गया है, और कई रिपब्लिकन नेता एच-1बी वीजा कार्यक्रम को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। नई एच-1बी नीति का कई सांसदों ने विरोध किया है और इस पर मुकदमे भी दायर किए गए हैं।
इससे पहले व्हाइट हाउस ने बताया था कि नए एच-1बी वीजा आवेदन पर 100,000 डॉलर शुल्क प्रणाली के दुरुपयोग को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रवक्ता टेलर रोजर्स ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने आव्रजन कानूनों को सख्त बनाने और अमेरिकी श्रमिकों को प्राथमिकता देने के लिए जितना किया है, उतना किसी अन्य राष्ट्रपति ने नहीं किया।
