शेयर बाजार में गिरावट: सेंसेक्स और निफ्टी में भारी कमी
आज, 10 जुलाई को, शेयर बाजार में गिरावट का सामना करना पड़ा, जिसमें सेंसेक्स 350 अंक और निफ्टी 100 अंक से अधिक गिर गए। इस गिरावट के पीछे कई कारण हैं, जैसे टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज का आय सत्र, भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में अनिश्चितता, और कमजोर वैश्विक संकेत। जानें इन कारकों का बाजार पर क्या प्रभाव पड़ा है और निवेशकों की चिंताएं क्या हैं।
Jul 10, 2025, 14:07 IST
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बाजार की स्थिति
आज, गुरुवार, 10 जुलाई को, हफ्ते के चौथे कारोबारी दिन सेंसेक्स में 350 अंकों की गिरावट आई, जिससे यह 83,200 के स्तर पर पहुंच गया। वहीं, निफ्टी में 100 अंकों से अधिक की कमी आई और यह 25,360 पर कारोबार कर रहा है। पिछले कारोबारी दिन, 9 जुलाई को, सेंसेक्स 176 अंकों की गिरावट के साथ 83,536 पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 46 अंकों की कमी के साथ 25,476 पर समाप्त हुआ। एशियाई बाजारों में, हांगकांग का हैंगसेंग, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और चीन का शंघाई एसएसई कम्पोजिट लाभ में रहे, जबकि जापान का निक्की 225 नुकसान में रहा। अमेरिकी बाजार भी हाल ही में सकारात्मक रुख के साथ बंद हुए थे। अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड की कीमत 0.06 प्रतिशत गिरकर 70.15 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) ने बुधवार को 77 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
गिरावट के कारण
बाजार में गिरावट के प्रमुख फैक्टर
1) आय सत्र की शुरुआत: भारत की प्रमुख सॉफ्टवेयर निर्यातक कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) आज वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही के आय सत्र की शुरुआत कर रही है। आईटी क्षेत्र वर्तमान में कई चुनौतियों का सामना कर रहा है, जैसे कमजोर वैश्विक मांग, व्यापार तनाव और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रभाव को लेकर अनिश्चितता। इस दौरान निफ्टी आईटी सूचकांक में 1 प्रतिशत तक की गिरावट आई।
2) व्यापार समझौते को लेकर चिंताएं: भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता में अनिश्चितता के कारण निवेशक सतर्क हैं। हालांकि, भारत का नाम ट्रम्प प्रशासन द्वारा नए टैरिफ उपायों का सामना करने वाले देशों की सूची में नहीं है, लेकिन भविष्य में संभावित कार्रवाई ने धारणा को प्रभावित किया है।
3) कमजोर वैश्विक संकेत: एशियाई शेयरों में मिला-जुला कारोबार देखने को मिला, जिसमें जापान का निक्केई 225 सूचकांक 1 प्रतिशत तक गिर गया। अमेरिकी शेयर वायदा भी लाल निशान में रहे, जो वॉल स्ट्रीट की कमजोर शुरुआत का संकेत है।
4) फार्मा शेयरों पर दबाव: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दवा उत्पादों पर संभावित 200 प्रतिशत टैरिफ लगाने के संकेत के बाद, फार्मा शेयरों पर दबाव देखा गया। यह कदम वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को बाधित कर सकता है और भारत, जो अमेरिका को जेनेरिक दवाओं का एक प्रमुख निर्यातक है, पर गहरा असर डाल सकता है।