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शेयर बाजार में लगातार तेजी, सेंसेक्स और निफ्टी में उछाल

भारतीय शेयर बाजार में तेजी का दौर जारी है, जिसमें सेंसेक्स और निफ्टी ने सकारात्मक क्लोजिंग दर्ज की है। शुक्रवार को सेंसेक्स में 329 अंक की वृद्धि हुई, जबकि निफ्टी भी मजबूत स्थिति में रहा। जानें किन शेयरों में तेजी आई और विदेशी मुद्रा भंडार में क्या बदलाव हुआ। इस लेख में शेयर बाजार की ताजा स्थिति और भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा की गई है।
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शेयर बाजार में लगातार तेजी, सेंसेक्स और निफ्टी में उछाल

सकारात्मक क्लोजिंग के साथ बंद हुए सेंसेक्स और निफ्टी


शेयर बाजार में तेजी का दौर जारी


भारतीय शेयर बाजार में लगातार दूसरे दिन तेजी का माहौल बना रहा। इस सकारात्मक रुख के चलते कई हफ्तों बाद बाजार ने अच्छी क्लोजिंग दर्ज की। बुधवार को गिरावट के बाद, गुरुवार को भी बाजार हरे निशान पर बंद हुआ था।


शुक्रवार को भी बाजार में तेजी बनी रही। भारतीय बाजार ने हरे निशान पर क्लोजिंग की, जिसमें फार्मास्युटिकल और बैंकिंग शेयरों में मजबूती के चलते सेंसेक्स में लगभग 329 अंक की वृद्धि हुई।


सेंसेक्स और निफ्टी में तेजी का आंकड़ा

बीएसई सेंसेक्स, जो 30 शेयरों का प्रतिनिधित्व करता है, 328.72 अंक या 0.40 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 82,500.82 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, यह 482.01 अंक या 0.58 प्रतिशत की बढ़त के साथ 82,654.11 अंक के उच्चतम स्तर पर पहुंचा। वहीं, एनएसई निफ्टी 103.55 अंक या 0.41 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,285.35 पर पहुंच गया।


रुपये में मजबूती का कारण

घरेलू बाजारों में मजबूती और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के कारण, शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 10 पैसे बढ़कर 88.69 (अनंतिम) पर बंद हुआ। विदेशी मुद्रा व्यापारियों का कहना है कि मजबूत घरेलू बाजार और कमोडिटी कीमतों में गिरावट के कारण रुपये में तेजी आई।


शेयरों में तेजी और गिरावट

सेंसेक्स की कंपनियों में भारतीय स्टेट बैंक, मारुति सुजुकी, एक्सिस बैंक, एनटीपीसी, और एचडीएफसी बैंक जैसे शेयरों में तेजी देखी गई। वहीं, टाटा स्टील, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, और बजाज फाइनेंस जैसे शेयरों में गिरावट आई।


विदेशी मुद्रा भंडार में कमी

टैरिफ के दबाव और डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट के चलते विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार से पूंजी निकासी जारी है। इसके परिणामस्वरूप, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 3 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 27.6 करोड़ डॉलर घटकर 699.96 अरब डॉलर रह गया।