सरकार ने PM उज्ज्वला योजना में सिलेंडरों की संख्या घटाई, मुआवजे की योजना भी घोषित

सरकार के नए निर्णय
सरकार ने हाल ही में दो महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। पहले निर्णय के तहत, तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) को लागत से कम मूल्य पर एलपीजी सिलेंडर बेचने से होने वाले नुकसान की भरपाई किश्तों में की जाएगी। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के तहत सिलेंडरों की संख्या 12 से घटाकर 9 कर दी गई है।
एलपीजी के नुकसान की भरपाई
कैबिनेट ने शुक्रवार को 30,000 करोड़ रुपये के नकद मुआवजे को मंजूरी दी है, जो तेल विपणन कंपनियों को 12 किश्तों में दिया जाएगा। पहली किश्त सितंबर-अक्टूबर 2023 में मिलने की संभावना है।
सरकार ने इस वित्तीय वर्ष 2026 में 15,000 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति देने का निर्णय लिया है, जबकि शेष राशि अगले वित्तीय वर्ष 2027 में दी जाएगी।
राजकोषीय घाटा और सब्सिडी
सूत्रों के अनुसार, यदि इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को 30,000 करोड़ रुपये दिए जाते हैं, तो राजकोषीय घाटा 8 आधार अंकों तक बढ़ सकता है। हालांकि, यदि इसे दो वित्तीय वर्षों में बांटकर दिया जाए, तो इसका प्रभाव कम हो सकता है।
सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत सब्सिडी वाले सिलेंडरों की संख्या बढ़ाकर 9 कर दी है, लेकिन सब्सिडी में कोई कटौती नहीं की गई है। इस योजना के लिए 12,060 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया गया है।
एलपीजी की खपत में वृद्धि
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत आने वाले परिवारों द्वारा एलपीजी की खपत वित्त वर्ष 2020 में प्रति व्यक्ति औसतन तीन रिफिल से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में लगभग 4.47 हो गई है।