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सरकारी बैंकों के एकीकरण पर वित्त मंत्री का बयान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुंबई में आयोजित एक कॉन्क्लेव में सरकारी बैंकों के एकीकरण की प्रक्रिया और विश्वस्तरीय बैंकों के निर्माण पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि सरकार आरबीआई और बैंकिंग क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श कर रही है। इस दिशा में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाने की आवश्यकता है। जानें इस विषय में और क्या कहा गया है।
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सरकारी बैंकों के एकीकरण पर वित्त मंत्री का बयान

सरकारी बैंकों के एकीकरण की दिशा में कदम


सरकार का लक्ष्य: विश्वस्तरीय बैंकों का निर्माण


नई दिल्ली में आयोजित 12वें एसबीआई बैंकिंग और इकोनॉमिक्स कॉन्क्लेव में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि सरकार भारतीय बैंकों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए आरबीआई और बैंकिंग क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी बैंकों के एकीकरण की प्रक्रिया जारी है।


सीतारमण ने यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार को बैंकों के साथ मिलकर यह देखना होगा कि वे इस दिशा में कैसे आगे बढ़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस दिशा में काम शुरू हो चुका है और कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाने हैं। यह बयान ऐसे समय में आया है जब सरकारी बैंकों के विलय और विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाने की चर्चा चल रही है।


आरबीआई के साथ विचार-विमर्श


वित्त मंत्री ने आगे कहा कि वे आरबीआई के साथ भी इस विषय पर चर्चा कर रहे हैं कि बड़े बैंकों के निर्माण के लिए उनके क्या विचार हैं। सरकार छोटे बैंकों के बड़े बैंकों के साथ विलय की योजना बना रही है, जिससे सरकारी बैंकों के कार्यक्षेत्र को सुव्यवस्थित किया जा सके।


उदाहरण के लिए, इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र जैसे बैंकों का पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया जैसे बड़े बैंकों के साथ विलय किया जा सकता है।