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सितंबर में बैंक ऋण वृद्धि में कमी, उद्योगों को मिला 7.3% का लाभ

सितंबर 2025 में उद्योगों को दिए गए बैंक ऋण की वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत पर आ गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में कम है। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, गैर-खाद्य बैंक ऋण में भी कमी आई है। हालांकि, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को ऋण में दहाई अंकों की वृद्धि जारी है। जानें अन्य क्षेत्रों में ऋण आवंटन के बारे में और क्या बदलाव आए हैं।
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सितंबर में बैंक ऋण वृद्धि में कमी, उद्योगों को मिला 7.3% का लाभ

बैंक ऋण वृद्धि में गिरावट

सितंबर महीने में उद्योगों को दिए गए बैंक ऋण की वृद्धि दर घटकर 7.3 प्रतिशत रह गई, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 8.9 प्रतिशत थी। यह जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों में सामने आई।


गैर-खाद्य बैंक ऋण में वृद्धि

आरबीआई ने बताया कि 19 सितंबर, 2025 को समाप्त पखवाड़े में गैर-खाद्य बैंक ऋण में सालाना आधार पर 10.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि पिछले वर्ष के इसी पखवाड़े में यह आंकड़ा 13 प्रतिशत था।


क्षेत्रीय आवंटन के आंकड़े

केंद्रीय बैंक ने सितंबर के लिए बैंक ऋण के क्षेत्रीय आवंटन के आंकड़े जारी किए हैं, जो 41 प्रमुख वाणिज्यिक बैंकों से प्राप्त किए गए हैं। ये ऋण सभी बैंकों के कुल गैर-खाद्य ऋण का लगभग 95 प्रतिशत हैं।


ऋण आवंटन में क्षेत्रवार वृद्धि

सितंबर में उद्योगों को दिए गए ऋण में पिछले वर्ष के इसी पखवाड़े की तुलना में 7.3 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को दिए गए ऋण में दहाई अंकों की वृद्धि जारी रही।


प्रमुख उद्योगों में वृद्धि

इंजीनियरिंग, बुनियादी ढांचा, वस्त्र और वाहन जैसे प्रमुख उद्योगों को दिए गए ऋण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। इसके अलावा, कृषि और संबंधित गतिविधियों को दिए गए ऋण में सालाना आधार पर 9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि पिछले वर्ष के इसी पखवाड़े में यह 16.4 प्रतिशत थी।


सेवा क्षेत्र में वृद्धि

आंकड़ों के अनुसार, सेवा क्षेत्र को दिए गए अग्रिमों में सालाना आधार पर 10.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। हालांकि, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को दिए जाने वाले ऋण में वृद्धि धीमी रही।


अन्य क्षेत्रों में वृद्धि

दूसरी ओर, पर्यटन, होटल और रेस्तरां, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और वाणिज्यिक अचल संपत्ति जैसे क्षेत्रों में अच्छी वृद्धि देखी गई। आरबीआई ने बताया कि व्यक्तिगत ऋण क्षेत्र में सालाना 11.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि एक वर्ष पहले यह 13.4 प्रतिशत थी।