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सुप्रीम कोर्ट में सहारा ग्रुप की संपत्तियों की बिक्री के लिए अडानी ग्रुप की याचिका पर सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में सहारा ग्रुप ने अडानी ग्रुप को अपनी 88 प्रमुख संपत्तियों की बिक्री के लिए याचिका दायर की है। इस सौदे की अनुमानित कीमत 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। अदालत ने केंद्र सरकार और सेबी को नोटिस जारी किया है और अगली सुनवाई 17 नवंबर को होगी। यदि मंजूरी मिलती है, तो सहारा ग्रुप को भारी राशि प्राप्त होगी, जिससे वह अपने बकाए का भुगतान कर सकेगा। जानें इस महत्वपूर्ण मामले के बारे में और क्या निर्णय लिया जाएगा।
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सुप्रीम कोर्ट में सहारा ग्रुप की संपत्तियों की बिक्री के लिए अडानी ग्रुप की याचिका पर सुनवाई

सहारा ग्रुप की संपत्तियों की बिक्री की अनुमति


सहारा ग्रुप और अडानी ग्रुप के बीच संपत्ति सौदा: सहारा ग्रुप ने भारत की 88 महत्वपूर्ण संपत्तियों को अडानी ग्रुप को बेचने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इनमें मुंबई का अंबी वैली और लखनऊ का 'सहारा शहर' जैसे प्रमुख प्रोजेक्ट शामिल हैं। इस सौदे की अनुमानित कीमत 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है, जो इसे भारत के सबसे बड़े रियल एस्टेट सौदों में से एक बनाती है। मंगलवार को, सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और मार्केट रेगुलेटर सेबी को नोटिस जारी किया है।


सुप्रीम कोर्ट का शीघ्र निर्णय

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जल्द निर्णय लेने की संभावना जताई है। यदि अदालत से अनुमति मिलती है, तो सहारा ग्रुप को एक बड़ी राशि प्राप्त होगी, जिससे वह अपने बकाए का भुगतान कर सकेगा। अगली सुनवाई 17 नवंबर को होगी, जिसमें अदालत यह तय करेगी कि अडानी ग्रुप को संपत्तियों की बिक्री की अनुमति दी जाए या नहीं।


टर्म शीट का प्रस्तुतिकरण

सहारा ग्रुप की ओर से टर्म शीट: सहारा ग्रुप के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बताया कि सहारा और अडानी समूह ने एक टर्म शीट पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसे सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंपा गया है। उन्होंने कहा कि अदालत से मंजूरी मिलते ही सौदा आगे बढ़ेगा। इस पहल का समर्थन करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि अडानी ग्रुप सहारा की संपत्तियों को एक बार में खरीदने के लिए तैयार है।


निवेशकों को धन लौटाने की प्रक्रिया

न्यायमित्र की नियुक्ति: सुप्रीम कोर्ट ने मामले की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर नफड़े को न्यायमित्र नियुक्त किया है। उन्हें सहारा ग्रुप की 88 संपत्तियों की विवाद मुक्त और विवादित संपत्तियों की अलग-अलग सूची तैयार करनी होगी।


सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को सूचित किया कि सरकार ने सेबी-सहारा खाते से निवेशकों को धन लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शेखर नफड़े ने बताया कि सहारा की दो कंपनियों को 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि वे सेबी-सहारा खाते में लगभग 25,000 करोड़ रुपये जमा करें, लेकिन अब तक इन कंपनियों ने 9,481 करोड़ रुपये जमा नहीं किए हैं।


अगली सुनवाई की तिथि

अगली सुनवाई: इस मामले की अगली सुनवाई 17 नवंबर को होगी, जहां सुप्रीम कोर्ट यह निर्णय लेगी कि क्या अडानी ग्रुप को सहारा ग्रुप की 88 संपत्तियों की खरीद की अनुमति दी जाए।