सेबी चेयरमैन ने आईपीओ मूल्यांकन पर दी स्पष्टता, कहा- निवेशकों पर निर्भर करता है
आईपीओ मूल्यांकन पर सेबी की स्थिति
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने बृहस्पतिवार को स्पष्ट किया कि पूंजी बाजार में ऊंचे मूल्यांकन के मुद्दे पर नियामक का हस्तक्षेप नहीं होगा।
एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए पांडेय ने कहा, 'हम मूल्यांकन का निर्धारण नहीं करते। यह पूरी तरह से निवेशकों के आकलन पर निर्भर करता है।'
यह टिप्पणी लेंसकार्ट के 7,200 करोड़ रुपये के आईपीओ की उच्च कीमत को लेकर उठी चिंताओं के बाद आई है। पांडेय ने कहा कि बाजार को अवसरों के आधार पर स्वतंत्र रूप से मूल्य निर्धारण करना चाहिए।
पिछले समय में भी, कई हितधारकों ने मूल्यांकन को लेकर चिंताएं व्यक्त की हैं, विशेषकर डिजिटल कंपनियों जैसे नाइका और पेटीएम के आईपीओ के संदर्भ में।
ईएसजी प्रतिबद्धताओं पर जोर
एक्सीलेंस इनेबलर्स द्वारा आयोजित कार्यक्रम में, पांडेय ने कंपनियों से आग्रह किया कि वे पर्यावरण, सामाजिक एवं प्रबंधन (ईएसजी) प्रतिबद्धताओं के प्रति अधिक 'प्रामाणिक' बनें।
उन्होंने कहा, 'ईएसजी को केवल ब्रांडिंग अभ्यास नहीं होना चाहिए, बल्कि इसे मापने योग्य परिणामों से जोड़ना चाहिए और स्वतंत्र आश्वासन के अधीन होना चाहिए।'
पांडेय ने यह भी स्पष्ट किया कि ईएसजी अब वैकल्पिक नहीं है, और व्यवसायों को इसे लाभ में बदलने की आवश्यकता है, न कि इसे एक दायित्व के रूप में देखना चाहिए।
इसके अलावा, उन्होंने कंपनियों के निदेशकों और वरिष्ठ प्रबंधन से साइबर जोखिम, व्यवहार विज्ञान, डेटा नैतिकता और स्थिरता जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपनी क्षमताओं को मजबूत करने का आग्रह किया।
पांडेय ने कहा, 'आज के बाजार की जटिलता औपचारिक निरीक्षण की नहीं, बल्कि सूचित निर्णय की मांग करती है।'
