सेबी ने आईपीओ नियमों में सुधार और विदेशी निवेशकों के लिए आसान प्रवेश की मंजूरी दी
सेबी ने हाल ही में आईपीओ नियमों में महत्वपूर्ण सुधारों को मंजूरी दी है, जिसमें विदेशी निवेशकों के लिए सरल प्रवेश और एंकर निवेशकों के लिए नए ढांचे का समावेश है। इस निर्णय का उद्देश्य भारतीय प्रतिभूति बाजार में निवेश प्रवाह को बढ़ाना और अनुपालन को सरल बनाना है। इसके अलावा, बड़ी कंपनियों के लिए न्यूनतम आईपीओ आवश्यकताओं में ढील दी गई है। जानें इस बैठक में और क्या महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।
Sep 12, 2025, 19:18 IST
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सेबी की बोर्ड बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय
शेयर बाजार के नियामक सेबी के निदेशक मंडल ने शुक्रवार को आईपीओ नियमों में सुधार, विदेशी निवेशकों के लिए सरल प्रवेश और सार्वजनिक निर्गमों में एंकर निवेशकों के लिए नए ढांचे को मंजूरी दी। सेबी के अध्यक्ष तुहिन कांता पांडे की अध्यक्षता में यह तीसरी बोर्ड बैठक थी, जो 1 मार्च को शुरू हुई थी। स्वीकृत प्रस्तावों में बड़ी कंपनियों के लिए न्यूनतम आईपीओ आवश्यकताओं में ढील देना और सार्वजनिक शेयरधारिता मानदंडों को पूरा करने के लिए समयसीमा बढ़ाना शामिल है। सेबी ने एकल खिड़की पहुँच की शुरुआत के साथ कम जोखिम वाले विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय प्रतिभूति बाजार में भागीदारी को आसान बनाने का प्रस्ताव भी मंजूर किया। इसका उद्देश्य अनुपालन को सरल बनाना और देश को एक निवेश गंतव्य के रूप में और अधिक आकर्षक बनाना है।
निवेश प्रवाह को बढ़ावा देने के लिए नए उपाय
सेबी के निदेशक मंडल ने बड़ी कंपनियों के लिए आईपीओ नियमों को सरल बनाने का निर्णय लिया है, जिसमें न्यूनतम शेयरधारिता आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए समयसीमा को 10 साल तक बढ़ाया गया है। इसके अलावा, सेबी ने संस्थागत निवेशकों की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए आईपीओ में एंकर निवेशकों के लिए शेयर आवंटन ढांचे में बदलाव करने का निर्णय लिया। चेयरमैन ने बताया कि सेबी के निदेशक मंडल ने निवेश प्रवाह को बढ़ाने के लिए एकल खिड़की व्यवस्था की शुरुआत की है, जिससे भारतीय पूंजी बाजारों में एफपीआई का प्रवेश आसान हो सके। निदेशक मंडल ने मान्यता प्राप्त निवेशकों वाले वैकल्पिक निवेश कोषों के लिए नियामकीय ढांचे को भी सरल बनाया है।
नए वर्गीकरण और निगरानी उपाय
सेबी ने रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (रीट) और बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट (इनविट) को इक्विटी उत्पादों के रूप में वर्गीकृत करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही, निदेशक मंडल ने शेयर बाजार समेत बाजार अवसंरचना संस्थानों की परिचालन निगरानी को मजबूत करने के लिए दो कार्यकारी निदेशकों (ईडी) की नियुक्ति को अनिवार्य करने का भी निर्णय लिया है।