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सोने और चांदी की कीमतों में उछाल: 26 नवंबर 2023 के ताजा रेट

26 नवंबर 2023 को सोने और चांदी की कीमतों में तेजी आई है, खासकर शादी के मौसम में बढ़ती मांग के चलते। दिल्ली में 24 कैरेट सोने का भाव ₹1,27,200 प्रति 10 ग्राम है, जबकि चांदी का भाव ₹1,67,100 प्रति किलोग्राम है। वैश्विक बाजार में भी सुधार देखने को मिल रहा है, जिससे सोने की कीमतों को मजबूती मिली है। जानें अन्य शहरों में सोने और चांदी के ताजा रेट्स के बारे में।
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सोने और चांदी की कीमतों में उछाल: 26 नवंबर 2023 के ताजा रेट

सोने की बढ़ती मांग और कीमतें

सोने की कीमतें 26 नवंबर: दिल्ली: शादी के मौसम में सोने की मांग में फिर से वृद्धि हुई है, जिसके चलते सोने और चांदी की कीमतों में तेजी आई है। घरेलू बाजार में सोने की कीमतों में इजाफा हुआ है, जबकि वैश्विक बाजार में भी सुधार देखा जा रहा है। डॉलर की कमजोरी और फेडरल रिजर्व के हालिया संकेतों ने सोने को मजबूती प्रदान की है।


दिल्ली में सोने की कीमतें

दिल्ली में सोने की कीमतों में वृद्धि


दिल्ली में 26 नवंबर को 24 कैरेट सोने की कीमत ₹1,27,200 प्रति 10 ग्राम हो गई है।
22 कैरेट सोने की कीमत ₹1,16,610 प्रति 10 ग्राम है।


अन्य शहरों में सोने की कीमतें

मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में सोने के भाव


मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में 22 कैरेट सोने की कीमत ₹1,16,460 प्रति 10 ग्राम है।
24 कैरेट सोने की कीमत ₹1,27,050 प्रति 10 ग्राम है।


पुणे और बेंगलुरु में सोने की कीमतें

पुणे और बेंगलुरु में सोने की कीमतें


पुणे और बेंगलुरु में 24 कैरेट सोने की कीमत ₹1,27,050 प्रति 10 ग्राम है।
22 कैरेट सोने की कीमत ₹1,16,460 प्रति 10 ग्राम है।


वैश्विक बाजार का रुख

ग्लोबल मार्केट का ट्रेंड


न्यूयॉर्क में सोने का हाजिर भाव $4,131.09 प्रति औंस पर ट्रेड हुआ।
फेडरल रिजर्व के गवर्नर क्रिस्टोफर वालर ने संकेत दिए हैं कि श्रम बाजार कमजोर है और दिसंबर में 0.25% ब्याज दर में कटौती संभव है, जिससे सोने की कीमतों में और मजबूती आई है।


चांदी की कीमतों में भी वृद्धि

चांदी की कीमतें भी बढ़ी


सोने की तरह, चांदी की कीमतों में भी तेजी आई है।
26 नवंबर को चांदी का भाव ₹1,67,100 प्रति किलोग्राम रहा।
न्यूयॉर्क में चांदी का हाजिर भाव $51.15 प्रति औंस पर रहा।


कीमतों में बदलाव के कारण

कीमतें क्यों बदलती हैं?


भारत में सोने और चांदी की कीमतें कई कारकों से प्रभावित होती हैं, जैसे:


  • घरेलू मांग
  • डॉलर की मजबूती और कमजोरी
  • फेडरल रिजर्व की नीतियां
  • वैश्विक बाजार के उतार-चढ़ाव