सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट: धनतेरस पर क्या है बाजार का हाल?

सोने की कीमतों में गिरावट
Gold rate India: शनिवार को सोने की कीमतें अपने उच्चतम स्तर से नीचे आ गईं, राष्ट्रीय राजधानी में 2,400 रुपये की कमी के साथ 1,32,400 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुँच गईं। यह गिरावट धनतेरस के दिन हुई, जब देशभर में आभूषण दुकानों पर खरीदारों की भीड़ देखी गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, 99.9% शुद्ध सोने की कीमत शुक्रवार को 3,200 रुपये बढ़कर 1,34,800 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गई थी।
स्थानीय बाजार की गतिविधियाँ
स्थानीय सर्राफा बाजार में 99.5% शुद्धता वाले सोने की कीमतें भी 2,400 रुपये घटकर 1,31,800 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गईं। पिछले सत्र में यह 1,34,200 रुपये तक पहुँच चुकी थी। पिछले साल धनतेरस पर 24 कैरेट सोने की कीमत 81,400 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जो अब 51,000 रुपये तक पहुँच गई है, जो 62.65 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है।
चांदी की कीमतों में गिरावट
चांदी की कीमतें भी लगातार दूसरे दिन गिरावट में रही। शनिवार को यह 7,000 रुपये घटकर 1,70,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुँच गई, जबकि शुक्रवार को यह 1,77,000 रुपये प्रति किलोग्राम थी। पिछले साल धनतेरस पर चांदी की कीमत 99,700 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो इस बार 70.51 प्रतिशत बढ़ चुकी है।
बाजार में मुनाफावसूली
व्यापारियों का मानना है कि सोने और चांदी की गिरावट के पीछे वैश्विक संकेत और निवेशकों की मुनाफावसूली का हाथ है। कामा ज्वेलरी के प्रबंध निदेशक कॉलिन शाह ने कहा कि त्योहारी उत्सव के बावजूद सोने में निवेश की मांग मजबूत बनी हुई है। हल्के वजन के आभूषणों की खरीदारी, विशेषकर युवा वर्ग में, काफी अधिक रही है।
शादी और त्योहारी मांग
शीतकालीन विवाह सीजन की शुरुआत के चलते भारी आभूषणों की मांग भी देखी गई। खरीदार पीली धातु की बढ़ती कीमतों के बीच मौजूदा दर को लॉक करना चाहते थे। शाह ने बताया कि इस धनतेरस पर पिछले साल की तुलना में 15-18 प्रतिशत अधिक खरीदारी हुई।
सोने का सांस्कृतिक महत्व
भारत में सोना केवल निवेश का साधन नहीं है, बल्कि इसका सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व भी है। धनतेरस जैसे अवसर पर इसे देवी लक्ष्मी और समृद्धि के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।
बिक्री का आंकड़ा
व्यापारियों के अनुसार, इस साल धनतेरस पर भारत में सोने और चांदी की बिक्री लगभग 1 लाख करोड़ रुपये रही। CAIT के आंकड़ों के अनुसार, केवल सोने और चांदी की बिक्री 60,000 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है। दिल्ली के सर्राफा बाजार में अकेले 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री दर्ज की गई।
वैश्विक बाजार की स्थिति
सोने को कमजोर डॉलर, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दर कटौती की उम्मीद और केंद्रीय बैंक के निरंतर संचय से लाभ मिल रहा है। निवेशक अब महंगे आभूषणों की बजाय सिक्के और बार खरीदने पर ध्यान दे रहे हैं।
हाजिर सोने और चांदी की स्थिति
अंतरराष्ट्रीय बाजार में हाजिर सोने ने 4,379.44 डॉलर प्रति औंस का सर्वकालिक उच्च स्तर छुआ, लेकिन मुनाफावसूली के कारण 4,249.98 डॉलर पर बंद हुआ। चांदी 4.36 प्रतिशत गिरकर 51.90 डॉलर प्रति औंस पर रही।
त्योहारी सीजन में उत्साह
धनतेरस और दिवाली के अवसर पर घरेलू मांग में वृद्धि के कारण आभूषणों की बिक्री में 12-18 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। उपभोक्ता छोटी डिजाइन वाली वस्तुओं और सोने के सिक्कों की ओर अधिक आकर्षित रहे, जिससे बाजार में हल्की खरीदारी का रुझान देखा गया।