सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट, निवेशकों की प्रॉफिट बुकिंग का असर
घरेलू वायदा बाजार में गिरावट
गुरुवार की सुबह घरेलू वायदा बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट देखी गई। यह गिरावट हाल की रैली के बाद आई है, जिसमें इन कीमती धातुओं की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थीं। निवेशकों ने अब प्रॉफिट बुकिंग शुरू कर दी है, जिससे कीमतों में कमी आई।
अमेरिकी डॉलर का प्रभाव
सोने और चांदी की कीमतों पर अमेरिकी डॉलर की हल्की बढ़ोतरी और अमेरिका के महंगाई आंकड़ों के प्रति सतर्कता का असर पड़ा है।
एमसीएक्स पर ट्रेडिंग
आज के शुरुआती कारोबार में, एमसीएक्स पर फरवरी कॉन्ट्रैक्ट वाला सोना 0.20 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,34,619 रुपए प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड कर रहा था।
मार्केट एक्सपर्ट्स की राय
विशेषज्ञों के अनुसार, सोने को 1,33,850 से 1,33,110 रुपए के बीच सपोर्ट मिल रहा है, जबकि रेजिस्टेंस लेवल 1,35,350 से 1,35,970 रुपए के बीच है। चांदी के लिए सपोर्ट 2,05,650 से 2,03,280 रुपए के बीच है, जबकि रेजिस्टेंस लेवल 2,08,810 से 2,10,270 रुपए के बीच है।
पिछले सत्र की वृद्धि
पिछले सत्र में सोने और चांदी की कीमतों में काफी वृद्धि हुई थी। बुधवार को एमसीएक्स पर फरवरी कॉन्ट्रैक्ट वाला सोना 0.36 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,34,894 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ, जबकि चांदी की कीमत 2,07,435 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई, जिसमें 4.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
आगामी महंगाई आंकड़े
अब निवेशक अमेरिका के नवंबर महीने के कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) डाटा का इंतजार कर रहे हैं, जो आज जारी होगा। इसके अलावा, शुक्रवार को पर्सनल कंजम्पशन एक्सपेंडिचर (पीसीई) डाटा भी आएगा, जो महंगाई की दर को मापेगा। ये आंकड़े भविष्य में अमेरिका के फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बदलाव की उम्मीदों को प्रभावित कर सकते हैं।
महंगाई के आंकड़ों का प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि महंगाई के आंकड़े बाजार की अपेक्षाओं से कम आते हैं, तो सोने की कीमतों में और वृद्धि हो सकती है। कम महंगाई का मतलब है कि अमेरिका के फेडरल रिजर्व की ब्याज दरें कम हो सकती हैं, जो सोने के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
बेरोजगारी दर में वृद्धि
नवंबर में अमेरिका में बेरोजगारी दर बढ़कर 4.6 प्रतिशत हो गई, जो सितंबर 2021 के बाद का सबसे उच्चतम स्तर है। इससे यह अटकलें तेज हो गई हैं कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व जनवरी में ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है।
जापान के केंद्रीय बैंक की नीति बैठक
इसके अलावा, निवेशक शुक्रवार को जापान के केंद्रीय बैंक द्वारा होने वाली नीति बैठक पर भी नजर बनाए हुए हैं। उम्मीद की जा रही है कि जापान अपना बेंचमार्क ब्याज दर 30 वर्षों में सबसे ज्यादा बढ़ा सकता है, जिससे वैश्विक वित्तीय बाजारों में उतार-चढ़ाव हो सकता है और इसका असर सोने और चांदी की कीमतों पर भी पड़ सकता है।
